भाजपा संविधान बदलकर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है : बैज
रायपुर- भाजपा नेताओं और नरेंद्र मोदी के करीबियों के बयानों से अब साफ हो गया है कि उनका उद्देश्य – संविधान बदलकर देश का लोकतंत्र तबाह कर देना है. दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों का आरक्षण छीनकर देश चलाने में उनकी भागीदारी खत्म करना, यह कहना है छ.ग. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज का. उन्होंने कहा कि संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए कांग्रेस चट्टान की तरह खड़ी है. केन्द्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर कांग्रेस सामाजिक रूप से वंचित लोगों के लिये हिस्सेदारी न्याय लागू करेगी. कांग्रेस पार्टी पिछले सात दशकों से समाज के पिछड़े, वंचित, पीड़ित और शोषित वर्गों एवं जातियों के हक और अधिकार के लिए सबसे अधिक मुखरता के साथ आवाज़ उठाती रही है. कांग्रेस लगातार उनकी प्रगति के लिए प्रयास करती रही है. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग देश की आबादी के लगभग 70 प्रतिशत हैं, लेकिन अच्छी नौकरियों, अच्छे व्यवसायों और ऊँचे पदों पर उनकी भागीदारी काफी कम है. आधुनिक समाज में जन्म के आधार पर इस तरह की असमानता, भेदभाव और अवसर की कमी बर्दाश्त नहीं होनी चाहिये.
27 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक अभी तक राजभवन में
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की मोदी सरकार केवल अपने पूंजीपति मित्रों को मुनाफा पहुंचा रही है. अपने आपको पिछड़ा वर्ग का बताने वाले मोदी ने यह नहीं बताया कि छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने वाला विधेयक पिछले डेढ़ साल से राजभवन में क्यों कैद है? तथा आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान का विधेयक राजभवन में कब तक बंधक रखा जाएगा? वन अधिकार अधिनियम में मोदी सरकार द्वारा किए गए आदिवासी विरोधी संशोधनों पर मौन क्यों है?
देश की 90 प्रतिशत संपत्ति पर केवल 22 लोगों का अधिकार
श्री बैज ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने विगत 10 वर्षों में देश की संपत्ति का 90 प्रतिशत हिस्सा मात्र 22 लोगों के पास है. और 90 प्रतिशत लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का मात्र 10 प्रतिशत हिस्सा है. मोदी के शासनकाल में सिर्फ चंद उद्योगपतियों की संपत्ति सैकड़ों गुना बढ़ गया. एक औद्योगिक घराना को देश की सारी कीमती संपदा को सौंपने की कवायद मोदी सरकार में हुई, सारी नीतियां उसी को लाभ पहुंचाने के लिये बनाया जा रहा है. उल्टे आज मोदी देश के लोगों में संपत्ति का भय दिखाकर वोट मांग रहे है.