
संतों की वाणी से लोगों को सदाचार, व्यवहार की मिलती है शिक्षा – शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
रायपुर – राजिम कुम्भ कल्प रविवार को विराट संत समागम का शुभारंभ हुआ. संत समागम में अनंत विभूषित ज्योतिष मठ द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज एवं अनंत विभूषित ज्योतिष मठ बद्रीनाथ पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज सहित देशभर के साधु-संत शामिल हो रहे हैं.
संत समागम में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद महाराज ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि धर्म रूपी कल्पवृक्ष का बीज प्रभु श्रीराम हैं. श्रीराम ने मनुष्य बनकर वो दिखाया, जो मनुष्य को करना चाहिए. हमारे वेदों का ज्ञान संतों से ही मिलता है. उन्होंने कहा कि राजिम कुंभ में विराट सनातन संस्कृति के दर्शन होते हैं. ऐसे आयोजनों से संस्कृति की रक्षा होती है. धर्म की रक्षा करनी है तो धर्म का पालन करें. धर्म की स्वयं रक्षा हो जाएगी. धर्म मार्ग पर चलने की शिक्षा हमें कुंभ से मिलती है. बद्रीनाथ पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि संतों की वाणी से लोगों को सदाचार व्यवहार की शिक्षा मिलती है. राजिम का त्रिवेणी संगम, आचार्य का समागम, अध्यात्मिक लाभ से पवित्र स्थल बन चुका है. कुंभ कल्प का मतलब कुंभ जैसा होना है. कुंभ कल्प बोलने से मान घटता नहीं है बल्कि और बढ़ जाता है.
इस अवसर पर खाद्य मंत्री दयालदास बघेल और स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि राजिम कुंभ कल्प में दोनों शंकराचार्य का दर्शन लाभ श्रद्धालुओं को मिल रहा है. उन्होंने जगतगुरूओं से छत्तीसगढ़ और सभी लोगों के सुख और समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा. कार्यक्रम में विधानसभा क्षेत्र राजिम के विधायक रोहित साहू ने आभार प्रदर्शन किया.