प्रेसवार्ता लेकर केन्द्र की मोदी सरकार की गिनाई नाकामियों को
राजनांदगांव- किसानों के द्वारा उठाई जा रही मांग जायज है बताते हुए कांग्रेस संगठन द्वारा समर्थन देते हुए कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार किसान विरोधी नीति अपनाई जा रही है किसान देश के प्रधानमंत्री से न्याय न मांगे, तो इसमें क्या गलत है. केन्द्र की मोदी सरकार लटकाओ, भटकाओ और अपना उल्लू सीधा करते जाओ, ये केन्द्र सरकार का तरीका बन गया है जिसको लेकर 16 फरवरी को शहर कांग्रेस द्वारा प्रेसवार्ता लेकर दी जानकारी.
पत्रकारवार्ता में जानकारी देते हुए शहर जिला शहर कांग्रेस कुलबीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि देश का अन्नदाता किसान और खेत मजदूर न्याय मांगने अब देश की राजधानी दिल्ली में नहीं जा सकता क्या किसान को दिल्ली की परिधि के सौ किलोमीटर में आने की अब आजादी नहीं रही है, न्यू इंडिया में, किसान प्रधानमंत्री और देश की सरकार से न्याय न मांगे, तो कहां जाएं. आज देश में हर घंटे एक खेत मजदूर या किसान आत्महत्या का फंदा चूमने को मजबूर है, तो फिर किसान वादे की गारंटी क्यों न मांगे, क्योंकि आजकल सरकार हर बात की गारंटी दे रही है. 18 जुलाई 2022 को मोदी सरकार ने किया था, एमएसपी की गारंटी के कानून का रास्ता प्रशस्त करने का और कर्ज से राहत दिलवाने का बस, इसलिए हमारे लिये ये राजनीतिक एजेंडा नहीं, जीवन की कसौटी है और ये देश चलाने से और देश के चुनाव से भी बड़ा मुद्दा है.
श्री छाबड़ा ने आगे बताया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अंबिकापुर में न्याय यात्रा के दौरान केन्द्र में सरकार बनने पर किसानों को एमएसपी कानून बनाने की गारंटी दी है. रायपुर डिक्लेरेशन अगर आप पढ़े तो कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि एमएसपी की गारंटी का कानून होना चाहिए, धान का फसल लगभग 50 प्रतिशत एमएसपी पर खरीदी जाती है, गेहूं,-17 प्रतिशत और बाकी सब एक प्रतिशत से कम. मोदी सरकार ने बाजारी ताकतों के पास किसान को फेंक देंगे,तो वो आंदोलन न करें, न्याय नहीं मांगे दिल्ली का दरवाजा नहीं खटखटाएं, तो क्या यूनाइटेड नेशन्स जाएं. केन्द्र की मोदी सरकार लटकाओ, भटकाओ और अपना उल्लू सीधा करते जाओ, ये केन्द्र सरकार का तरीका बन गया है, किसान के प्रति. 18 जुलाई 2022 को इस कमेटी की घोषणा हुई, अब हम 2024 में है, कमेटी की बैठकें ही नहीं हुई सवाल कमेटी का नहीं था, उन्होंने कहा कानून बनाने के लिए या वो रास्ता खोजने के लिए हम एक कमेटी बना रहे है. न कमेटी की रिपोर्ट आई, न निर्णय हुआ, लोकसभा का चुनाव आ गया. लोकसभा का चुनाव निकाल लो, लटकाओ, भटकाओ और सबको बहकाकर उल्लू सीधा करो,या सबको उल्लू बनाओ.
दिल्ली की चैतरफा ‘‘किलेबंदी‘‘ की गई है वहां सड़कों पर ‘‘कीलें-बंदी‘‘ कर दी गई है. यानी कीलें और नश्तर दिल्ली की चैतरफा सड़कों पर जमीन में गाढ़ दिए गए है. यही नहीं, कंटीले तारों की दीवारें बना दी गई है. हरियाणा की भाजपा सरकार ने पंजाब और हरियाणा के बीच, रतिया और बुडलाड़ा रोड के बीच दस फीट गहरी और पंद्रह फीट चैड़ी खाई खोद दी है. जैसे दो दुश्मन देशों के बीच में बनाते है. हाॅसी, हरियाणा में जो है उसके निकट राष्ट्रीय राजमार्ग पर मैय्यड़ टोल है, सरकार ने वहां जेसीबी मशीनें लगा 50-50 फुट गहरे गड्ढे बना दिए गए है. सीमेंट बैरियर पर सीमेंट भरकर एक कांक्रीट की दीवार राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड़ी कर दी गई है.
मोदी, किसानों से ना केवल वादा तोड़ रहा है, वादा तोड़ने के साथ-साथ किसानों के रास्ते पर कील बिछाना,किसानों को खालिस्तानी बोलना, उपद्रवी बोलना, सोरोस का एजेंट बोलना, एक के बाद एक आप किसानों को गाली दिलवा रहे हो, आपने पूरी आपकी ट्रोल आर्मी जो सोशल मीडिया पर बैठी है. 19 नवंबर 2021 को आप सबके समाने हाथ जोड़ते हुए पहली बार प्रधानमंत्री दिखे, माफी मांगते हुए दिखे और कहा कि साहब मै ये तीनों काले कानून वापस लेता हूं. एक डायलाॅग भी दिया था कि मेरी तपस्या में कमी रह गई होगी. सुना था, आप लोगों ने, तब कहा था कि एमएसपी की समस्या का समाधान निकालने के लिए एक कमेटी बनेगी. क्या हुआ दो साल से उपर हो गए.
कांग्रेस की घोषणा
एमएसपी की मांग कांग्रेस पूरी करेगी. उसकी कांग्रेस घोषणा कर चुके हैं, ये हमारी गारंटी है सरकार बनते ही इस देश के 15 करोड़ किसान परिवारों को यानी की 62 करोड़ किसानों को हम एमएसपी दिलवाएंगे और राहत देंगे और एमएसपी दिलवाने का मतलब ये नहीं होता है. सबको दिग्भ्रमित किया जा रहा है कि एमएसपी अगर आप दे देंगे तो एक्सचेकर पर लाखों करोड़ का नुकसान हो जाएगा. एमएसपी का अर्थ ये नही होता कि सारी उपज सरकार खरीद लेगी, एमएसपी का अर्थ होता है कि सरकार एक मिनिमम सपोर्ट प्राईस बताएगी और जितना सरकार को लेना है वो लेगी, बाकी उस प्राईस से कम मार्केट में भी नहीं बिकेगा. ये होता है एमएसपी का मतलब, लेकिन मुर्ख बनाने की कोशिश फिर से व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी द्वारा. एमएसपी कानून बनने से किसान को उसकी फसल का दाम मिलेगा, उसका शोषण नहीं होगा.
प्रेसवार्ता में प्रमुख रूप से प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रूपेश दुबे, पंकज बांधव, शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष मोहम्मद यहया, महामंत्री अमित चंद्रवंशी, ब्लाॅक अध्यक्षद्वय आसिफ अली, सूर्यकांत जैन उपस्थित रहे.