
गरियाबंद जिले में धान खरीदी केंद्र की मांग को लेकर ग्रामीणों पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था. भीड़ ने पहले तो पुलिस टीम पर पथराव किया था, फिर ईंट लेकर पुलिस के पीछे ही दौड़ पड़े. हमले में 3 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे. ये सभी लोग धान खरीदी केंद्र की मांग को लेकर जुटे थे, मगर पुलिस से उनकी बहस हो गई थी. जिसके बाद लोग आक्रोशित हो गए थे. वहीं पूरे शहर में भी जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किया गया है.
50 से ज्यादा गांव वाले इंदागांव पुलिस थाना परिसर में नजरबंद हैं. वहीं 30 से ज्यादा लोगों को अमलीपदर थाना कैंपस में रखा गया है. 137 जवान और 6 अधिकारियों की ड्यूटी एरिया में लगाई गई है. वहीं सोमवार को हुई हिंसा के मामले में 26 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की गई है. बताया जा रहा है कि इनमें भाजयुमो जिला अध्यक्ष माखन कश्यप और पूर्व मंडल अध्यक्ष पुनीत सिन्हा का नाम भी शामिल है. इन सभी के खिलाफ मारपीट, शासकीय काम में बाधा डालने, बलवा, सरकारी संपत्ति नुकसान जैसी 10 धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
एडिशनल एसपी चन्द्रेश सिंह ठाकुर मौके पर मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. वहीं माहौल नहीं बिगड़े, इसके लिए सभी प्रदर्शनकारियों को अलग-अलग जगह पर रखा गया है. उन्होंने कहा कि बाद में सभी को समझा-बुझाकर छोड़ दिया जाएगा.
पुलिस-प्रशासन ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश
इधर पुलिस-प्रशासन ने ग्रामीणों को समझाया है. एसडीएम केएस पिस्दा ने कहा कि गांववालों की धान खरीदी केंद्र की मांग मान ली गई है. हालांकि उन्हें बताया गया है कि सरकारी प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है. स्थानीय निवासी मोती जगत ने भी कहा है कि उनकी मांग को माने जाने का आश्वासन मिला है, इसलिए वे अपना आंदोलन स्थगित कर रहे हैं.
दरअसल, कंडेकेला सहकारी समिति को पिछले 10 साल से भेजीपदर में संचालित किया जा रहा है. बस इसी बात को लेकर लोग नाराज हैं. लोगों का कहना है कि या तो कंडेकेला में वापस सहकारी समिति खोल दिया जाए या नया खरीदी केंद्र खोल दिया जाए. ग्रामीण इस बात से भी नाराज थे कि उन्हें धान बेचने के लिए 3 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.