
जिन अफसरों ने डुबोई सरकार की लुटिया, उन्हीं पर किया भरोसा
प्रदेश में सरकार तो बदल गई. सभी विभागों को नए मंत्री मिल गए. पर अधिकांश मंत्रालयों में अधिकारी वही हैं जिन्होंने पिछली सराकर की लुटिया डुबोई थी. सरकार योजना बनाती रही और जमीन पर अधिकांश योजनाएं फेल होती रहीं. सरकार को इसकी कानों-कान खबर नहीं होने दी गई. यदि इन अफसरों पर ज्यादा भरोसा किया तो नई सरकार भी महज नई बोतल में पुरानी शराब साबित हो जाएगी.
नयी सरकार में मंत्रिमंडल गठन के बाद मंत्रियों के स्टॉफ में अधिक्तर उन्हीं अधिकारियों की पदस्थापना की जा रही है जो पूर्व में भी उन्हीं विभागों में कार्यरत थे. पिछली सरकार के कार्यकाल में इन अधिकारियों की कारगुजारियों की वजह से ही सरकार बदनाम हुई और अधिकतर मंत्री चुनाव हार गये. इन अधिकारियों ने जमीनी हकीकत को छिपाया और मंत्री भ्रम में जीते रहे.
इन अधिकारियों को दोबारा मौका देने पर संभावना यही बनती है कि कामकाज पुराने ढर्रे पर ही होगा. इससे अधिकारी न केवल अपने पूर्व कार्यकाल के काले कारनामों पर पर्दा डालने में सक्षम हो जाएंगे बल्कि नये कारनामो को अंजाम देने के लिए प्रोत्साहित भी होंगे. इसके चलते आम जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं में आक्रोश बढेगा. जनभावनाओं के अनुरूप कार्य नहीं कर पाने के कारण नये मंत्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ेगा.
प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि प्रशासनिक कसावट लाने के लिए मंत्रियों का नहीं बल्कि प्रशासिक अधिकारियों का बदला जाना ज्यादा जरूरी होता है. पांच साल तक जमे जमे ऐसे अधिकारियों का ठेकेदारों और अन्य अधिकारियों के साथ नेक्सस बन जाता है. वे मिल बांटकर सरकार को चूना लगाते हैं. इसी से जनता के बीच सरकार की छवि खराब होती है. इस स्थिति से बचने के लिए न केवल अधिकारियों का बदला जाना जरूरी है बल्कि उनकी जवाबदेही भी तय की जानी चाहिए.
ज्ञात हो कि एसओ कमल नारायण साहू पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के यहां पदस्थ रहे. ताम्रध्वज की छवि धूमिल करने में कमल नारायण की प्रमुख भूमिका मानी जाती है. इसी प्रकार अजीश मिरे पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के यहां पदस्थ थे. रोशन यदु पहले पूर्व पीएचई मंत्री गुरू रुद्रकुमार के यहां पदस्थ थे, शिव प्रजापति पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के यहां, मोहर साय कुजूर पूर्व संसदीय सचिव गुरूदयाल बंजारे के यहां कार्यरत रहे हैं. दिनेश श्रीवास पूर्व संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े के यहां पदस्थ रहे. टंकेश्वर पैकरा पूर्व संसदीय सचिव चिंतामणि महराज के यहां पदस्थ थे.
सरकार बदलने के बाद भी इन्हीं अधिकारियों को विभिन्न मंत्रियों के यहां पदस्थ किया जा रहा है. प्रशासनिक अमले में लोग चटखारे लेकर इन नियुक्तियों की चर्चा कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार बदली, मंत्री बदले लेकिन स्टॉफ नहीं बदले. ऐसे में पुरानी सरकार और नई सरकार के कामकाज में किसी अंतर की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
नए मंत्रियों को मिले पुराने अधिकारी
1.दयालदास बघेल, मंत्री, मोहरसाय कुजूर, एसओ.
2. श्याम बिहारी जायसवाल, मंत्री, रोशन यदु, एएसओ.
3.लखनलाल देवांगन, मंत्री, कमल नारायण साहू, एसओ.
4. लक्ष्मी राजवाडे, मंत्री, टंकेश्वर पैकरा, वरिष्ठ सचिवालय सहायक.
5. रामविचार नेताम, मंत्री, अजीश मिरे, वरिष्ठ सचिवालय सहायक.
6. केदार कश्यप, मंत्री, दिनेश कुमार श्रीवास, एएसओ.
7. टंकराम वर्मा, मंत्री, शिव प्रजापति, वरिष्ठ सचिवालय सहायक.