
रायपुर : प्रदेश सरकार द्वारा चुनावी वादे के परिप्रेक्ष्य में किसानों के खाते में दो वर्षों का बकाया बोनस डालते ही इस राशि को निकालने सहकारी बैंकों में किसान टूट पड़े हैं. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का मौसम चलने के कारण इन बैंकों में किसानों की भीड़ तो पहले ही लग रही थी, बोनस निकालने वालों की भीड़ की वजह से बैंकिंग व्यवस्था चरमरा गयी है. भीड़ को सम्हालने लायक तात्कालिक स्टाफ की व्यवस्था न होने और समय पर मांग के अनुरूप बैंकों में राशि न पहुंचने के कारण किसानों की भीड़ देर शाम तक बैंकों के सामने जुटी रहती है.
ज्ञातव्य हो कि संपन्न विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर सत्तारूढ़ होने वाली भाजपा सरकार ने अपने चुनावी वादे के परिप्रेक्ष्य में 25 दिसंबर को किसानो के सन् 2014-15 एवं 2015-16 का बोनस प्रति वर्ष 300 रुपये प्रति क्विंटल के दर से उनके खाते में डाल दिया है .इस राशि को जल्द से जल्द निकालने की होड़ में किसानों की भीड़ बैंकों में टूट पड़ी है. किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा नेइस बैंकिंग अवधि में कई बैंकों का दौरा करने के बाद जानकारी दी है कि प्रदेश के 95 प्रतिशत किसानों का खाता अपने – अपने क्षेत्र के केन्द्रीय सहकारी बैंक के शाखाओं में है.