
भिलाई– हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में एक ऐसे मरीज की हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी सफलतापूर्वक की गई जो पोलियो का शिकार रहा है. पोलियो के चलते मरीज के दाहिने हिस्से में कुछ कमजोरी तो है ही, साथ ही उनकी रीढ़ और कूल्हे में भी विकृति है. शरीर एक तरफ मुड़कर झुका हुआ है. ऐसे मरीजों में जोड़ प्रत्यारोपण की सर्जरी काफी मुश्किल होती है. प्रोस्थेसिस को सही ढंग से बैठा पाना एक बड़ी चुनौती हो जाती है.
ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि 60 वर्षीय यह मरीज सारंगढ़ जिले के पथरीपाली का निवासी है. उसे बचपन में ही पोलियो हो गया था. पोलियो के चलते उसके शरीर का दाहिना हिस्सा कमजोर रह गया. आम तौर पर ऐसे मरीजों में शरीर अपना संतुलन बनाए रखने के लिए कुछ आवश्यक फेरबदल कल लेता है. मरीज के साथ भी ऐसा ही हुआ. उनकी रीढ़ मुड़ गई और कुल्हे का जोड़ भी ऐसे एडजस्ट हो गया ताकि वे चल फिर सकें.
मरीज पेशे से किसान है और दिव्यांगता के साथ भी अपने सभी काम काज अब तक करता आया है. हादसे के दिन भी वे स्नान करके कपड़े सुखा चुके थे जिसके बाद वे एकाएक गिर पड़े. उनके लिए उठना भी मुश्किल हो गया. तीन साल पहले लगी एक चोट के कारण उनके दाहिने पैर की जांघ की हड्डी टूट गई थी जिसमें रॉड लगाया गया था. मरीज को तत्काल हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल लाया गया.
जांच करने पर पता चला कि उनकी जांघ की हड्डी की गर्दन (फीमर नेक) टूट गई है. ज्वाइंट रिप्लेसमेंट करना ही एकमात्र विकल्प था. विकारग्रस्त कूल्हे के लिए सही प्रोस्थेसिस का चयन और उसे सेट करना एक बड़ी चुनौती थी. सर्जरी कर मरीज की जांघ में पहली डले रॉड को निकाल दिया गया. इसके साथ ही जोड़ का प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक कर दिया गया. मरीज दूसरे ही दिन चलने फिरने में समर्थ हो गया. दाखिले के एक सप्ताह बाद ही मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.