सरकार ने 7 दिसंबर को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, जिसके करीब 2 सप्ताह बाद ही प्याज की थोक कीमतों में 40 फीसदी से अधिक की गिरावट आ गई है. वहीं, आने वाले कुछ सप्ताह में खरीफ प्याज की आवक तेज होने के साथ ही थोक कीमतें और नीचे जा सकती हैं, जो उत्पादक किसानों के लिए घाटे का कारण बन सकती हैं. इसीलिए किसानों और विक्रेताओं ने प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध पर ढील देने की मांग सरकार से की है.
निर्यात प्रतिबंध के 2 सप्ताह में ही आधे हुए दाम
केंद्र सरकार ने बीते महीनों में खुले बाजार में 100 रुपये किलो तक महंगी हुई प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए निर्यात रोकने के उद्देश्य से सितंबर महीने में प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया था. इसके बाद 7 दिसंबर को निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया. प्रतिबंध से पहले थोक बाजार में प्याज की कीमत 80-90 रुपये तक पहुंच गई थी. प्रतिबंध के बाद प्याज की कीमतें गिरने लगीं.