
राज्यपाल ने दीप प्रज्वलन कर श्री शिवमहापुराण कथा कार्यक्रम का किया शुभारंभ
रायपुर- राज्यपाल सुश्री उइके आज राजधानी रायपुर में आयोजित पांच दिवसीय श्री शिवमहापुराण के पावन कथा कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर शामिल हुईं. राज्यपाल ने कहा कि शिवमहापुराण कथा का श्रवण सभी के लिए सौभाग्य का अवसर है. उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हमारे वेद-पुराण प्राचीन ग्रंथों के संदेश एवं संत-महात्माओं के द्वारा दिए गए उपदेश हमें सद्मार्ग पर चलने का रास्ता बताते हैं. उन्होंने प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा जी द्वारा छत्तीसगढ़ आकर यहां श्री शिवमहापुराण के पावन कथा वाचन के लिए धन्यवाद दिया. इस पावन अवसर पर महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, विधायक सत्यनारायण शर्मा, विकास उपाध्याय, कुलदीप जुनेजा एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे.
राज्यपाल सुश्री उइके ने कथा श्रवण के लिए एकत्रित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में प्राचीनकाल से जब-जब अधर्म और अत्याचार बढ़ा तब-तब संतों ने किसी न किसी रूप में मार्गदर्शन किया. उन्होंने कहा कि इस तरह के वेद-पुराणों के वाचन एवं धार्मिक आयोजनों से सद्भाव का वातावरण निर्मित होता है. उन्होंने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि संत-महात्माओं के द्वारा बताए रास्ते पर चलते हुए हमारे देश की एकता एवं अखंडता को मजबूत बनाए रखें.
राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में जब लोग विभिन्न प्रकार के रोगों और मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में प्राचीन पुराणों एवं ग्रंथों का श्रवण हमारे चित्त को शांति एवं एकाग्रता प्रदान करते हैं. उन्होंने बताय कि शिव पुराण के संबंध में मान्यता है कि जो भी भक्त भगवान शिव की आराधना करता है या फिर इस शिव पुराण का पाठ करता है या करवाता है या फिर पूर्ण श्रद्धा एवं भक्ति भाव के साथ शिव पुराण कथा का श्रवण करता है, भगवान शिव उसका कल्याण करते हैं. इस पवित्र कथा के सुनने मा़त्र से पुण्य की प्राप्ति होती है. मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और व्यक्ति के समस्त प्रकार के कष्ट और पाप नष्ट हो जाते हैं.
राज्यपाल ने कहा कि भगवान शिव सदैव लोक पकारी एवं कल्याणकारी हैं. पुराणों में शिव को त्याग, तपस्या, वात्सल्य तथा करुणा की मूर्ति बताया गया है. कहा गया है कि शिव सहज ही प्रसन्न हो जाने वाले एवं मनोवांछित फल देने वाले देवता हैं. इस सृष्टि का निर्माण भगवान शिव की इच्छा मात्र से ही हुआ है, इसलिए उनकी भक्ति करने वाले व्यक्ति को संसार की सभी वस्तुएं प्राप्त हो सकती हैं.
राज्यपाल ने इस अवसर पर पं.प्रदीप मिश्रा जी के छत्तीसगढ़ आगमन पर उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.
कथा में छत्तीसगढ़ में चैंपेश्वर महादेव की उत्पत्ति पर प्रकाश डाला. छत्तीसगढ़ में जन्मे महाप्रभु वल्लभाचार्य की जन्मकथा बताई. उनकी मां इल्लमा गारू और पिता लक्ष्मण भट्ट की कथा की शुरुआत की. कथा की शुरुआत के साथ ही भक्तों द्वारा श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के जयकारे लगाए गए. भोलेनाथ के जयकारे लगाए गए.
पंडाल खचाखच भरा तो जमीन व जेसीबी पर चढ़कर सुना प्रवचन
लाखों की संख्या में पहले ही दिन कथा सुनने पहुंचे लोगों में ऐसे भी थे, जिनके पास नहीं थे. बावजूद इसके वे नीचे धूल-मिट्टी से भरी खाली जमीन से दूर से ही बैठे प्रवचन का आनंद ले रहे थे. कई लोग ट्रक, ट्राली व जेसीबी मशीन के ऊपर चढ़कर प्रवचन सुनते दिखे. महिलाओं में भक्ति व उत्साह कई सालों से पंडित प्रदीप मिश्रा का प्रवचन टीवी पर सुनती आ रही हैं और यही वजह रही कि उनकी कथा को सुनने के लिए वे अपने स्वजन के साथ कथा स्थल पहुंची रहें हैं.
इन इलाकों में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए रायपुर में यातायात पुलिस द्वारा भी बड़ी तैयारी की गई है. क्योंकि शिव महापुराण में शामिल होने वाले श्रद्धालू प्रदेश भर से आएंगे. प्रमुख रूप से श्रद्धालुओं आने की संभावना दुर्ग,राजनांदगांव,कांकेर ,धमतरी,आरंग, महासमुंद, बेमेतरा और बिलासपुर जिले से है. इसलिए पुलिस ने अलग अलग पार्किंग स्थल बनाया है. इसके अलावा श्रीनगर रेलवे क्रॉसिंग चौक,स्टेशन चौक, गुढ़ियारी की ओर से और अंबेडकर चौक से कार्यक्रम स्थल की ओर जाने वाले मार्ग पर चार पहिया वाहन के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है.