रायपुर : जिले में बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की स्थिति में सुधार करने के लिए शासन ने मंथली टेस्ट लेने का फैसला लिया है. रायपुर में 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. जिसके कारण शिक्षा विभाग ने मंथली टेस्ट लेने का फैसला लिया है.
बता दे कि, अभी स्कूलों में सप्ताह में सिर्फ एक दिन ही टेस्ट लिया जा रहा है. जिसे खत्म करके अब महीने भर में हुई पूरी पढ़ाई का सिर्फ एक टेस्ट लिया जाएगा. रायपुर जिले से प्रत्येक वर्ष 50 हजार 10वीं और 12वीं के छात्र बोर्ड की परीक्षा देते है. इसलिए ‘पायलट प्रोजेक्ट’ के तहत इस योजना के शुरुआत के लिए रायपुर जिले को चुना गया है.
दरअसल, छत्तीसगढ़ की शिक्षा विभाग के अनुसार रायपुर के बोर्ड एग्जाम का रिजल्ट बाकि अन्य जिलों की तरह में कमजोर आया है. इसलिए भी ‘पायलट योजना’ की शुरुआत के लिए रायपुर को चुना गया है. आंकड़ो के मुताबिक 2022 में 10वीं सीजी बोर्ड का रिजल्ट 74.23 जिसमें रायपुर जिले का 67.96 प्रतिशत रिजल्ट था. वहीं छत्तीसगढ़ में मेरिट लिस्ट की बात करे तो उसमें भी छात्रों की संख्या में भारी कमी थी. इसके वजह से पिछले साल वीकली टेस्ट लेने का फैसला लिया गया था. जिससे 2023 में दसवीं का रिजल्ट बढ़कर 75.05 आया था. इस वर्ष भी रायपुर जिले का बोर्ड रिजल्ट औसत से कम आया था. जिसके बाद मंथली टेस्ट शुरुआत करने का फैसला लिया गया है.
सभी जिलों में होगा एक जैसा प्रश्नपत्र
शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि, वीकली टेस्ट सभी कक्षाओं के लिए चलते रहेंगे. जहां तक मंथली टेस्ट के पेपर का सवाल है, यह जिला स्तर पर तैयार किए जा रहे हैं. मंथली टेस्ट यह पता चलेगा कि, छात्र महीने भर में कितनी पढ़ाई किए है, उनकी समझ कितनी विकसित हुई है, साथ उसके बाकि विषयों में प्रदर्शन भी पता चलेगा. शिक्षकों का कहना है कि बार-बार टेस्ट लेने से छात्र की रूटीन पढ़ाई भी प्रभावित होती है.