
गरियाबंद : गरियाबंद जिले में लगातार मलेरिया का कहर जारी है. 1 अगस्त दिन मंगलवार को ग्राम जरन्डी धवलपुर में कक्षा पांचवी में पढ़ाई करने वाली एक छात्रा की मौत मलेरिया से होने की जानकारी ग्रामीणों ने दी है. घटना की जानकारी लगते ही बुधवार को जिला मलेरिया अधिकारी मनमोहन ठाकुर एवं स्वास्थ्य विभाग का अमला ग्राम जरन्डी धवलपुर के लिए पहुंचे, लेकिन बाकडी नदी में भारी उफान और बाढ़ के चलते मलेरिया अधिकारी गांव तक नहीं पहुंच पाए. अब तक मलेरिया से तीन बच्चों की मौत हो चुकी है.
मलेरिया अधिकारी मनमोहन ठाकुर ने चर्चा में बताया कि ग्राम जरन्डी धवलपुर में मितानिन द्वारा जांच करने पर छात्रा कौशिल्या ओंटी उम्र 11 वर्ष मलेरिया पाॅजिटिव मिली थी. उन्हें दवाईयां भी दी गई थी. छात्रा की बुधवार को मौत होने की जानकारी मिली है.
उन्होंने बताया कि नदी में भारी बाढ़ होने के कारण गांव तक स्वास्थ्य विभाग का अमला गांव तक नहीं पहुंच पाया था, लेकिन मोबाइल के माध्यम से ग्रामीणों को दवा देने के साथ साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की अपील की गई है. वहीं टीम बोट के माध्यम से गांव पहुंची है.
नदी में बाढ़ के कारण अस्पताल नहीं पहुंच सकी छात्रा
तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 16 किलोमीटर दूर गरियाबंद विकासखण्ड के अंतिम छोर में बसा गांव जरन्डी धवलपुर में पिछले चार पांच दिनों से मलेरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है. गांव में घर-घर बकायदा स्वास्थ्य कार्यकर्ता मितानिन द्वारा दवा भी उपलब्ध कराया जा रहा है. छात्रा कौशिल्या ओंटी पिता धनेश्वर ओंटी जो कक्षा पांचवीं की छात्रा थी. चार दिन पहले जांच रिपोर्ट में मलेरिया पाॅजिटिव आई थी..
उसे दवाईयां भी दी गई थी, लेकिन कल तबीयत अचानक बिगड़ गई. परिजन और गांव वाले बच्ची को जिला अस्पताल ले जाने की पूरी तैयारी किए, लेकिन बाकड़ी नदी में भारी बाढ़ के कारण छात्रा को अस्पताल तक नहीं ले जा सके, जिससे उसकी मौत हो गई. साथ ही उनके परिवार में और भी लोग मलेरिया से पीड़ित बताए जा रहे हैं.
दो छात्रों की पहले भी हो चुकी मौत
बता दें कि मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के ग्राम पंचायत गोबरा में एक पखवाडे पूर्व मलेरिया से कक्षा पांचवी में पढ़ाई करने वाले दो छात्रों की मौत हो चुकी है. इसके बाद जिला प्रशासन ने क्षेत्र के सभी स्कूल छात्रावासों में मलेरिया जांच और दवा देने के निर्देश दिए.