भारत में प्रतिवर्ष 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है. भारत में सबसे पहले डॉक्टर्स डे 1991 में सेलिब्रेट किया था, डॉ. बिधान का जन्म 1 जुलाई, 1882 को हुआ था और इसी दिन 1962 में उनकी मृत्यु हुई थी. ये दिन महान डॉ. रॉय और पश्चिम बंगाल के पुर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय की याद में मनाया जाता है क्योकि डॉ. रॉय ने भारत के स्वास्थ्य सिस्टम में एक बड़ा योगदान दिया था. हर साल डॉक्टर्स डे पर एक थीम निर्धारित की जाती है.
वे कहते थे कि डॉक्टर भी सेना के जवानों जैसे देश की रक्षा करते हैं, वैसे ही डॉक्टर भी देश में इंसानों की रक्षा करते हैं और कई बीमारियों से बचाते हैं.भारत में 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस 2023 भव्य रूप से मनाया जाएगा. राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने में सभी डॉक्टरों के योगदान को याद किया जाता है. देश में बीते 32 साल से हर साल 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाया जाता है. यह दिन ख्यात डॉ. रॉय के सम्मान डॉक्टरों को समर्पित किया गया है.
डॉ. बिधान चंद्र रॉय सिर्फ एक डॉक्टर ही नहीं थे, बल्कि शिक्षाविद और स्वतंत्रता सेनानी भी थी वह डॉक्टरों की तुलना सेना के जवानों से करते थे. वे कहते थे कि डॉक्टर भी सेना के जवानों जैसे देश की रक्षा करते हैं, वैसे ही डॉक्टर भी देश में इंसानों की रक्षा करते हैं और कई बीमारियों से बचाते हैं. डॉक्टर समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वे अपना जीवन दूसरों की भलाई के लिए समर्पित करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि हर कोई बीमारियों से मुक्त रहे.
- साल 1961 में डॉ. बिधान चंद्र रॉय को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया.
- डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय के सम्मान में ही 1991 से भारत में नेशनल डॉक्टर्स डे यानी राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस हर साल 1 जुलाई को मनाया जाता है.