
रायपुर- प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापे में फंसे IAS समीर बिश्नोई के घर से मिली डायरी को लेकर अधिकारियों की पूछताछ चल रही है. इसमें लेन-देन की जानकारी सामने आई है. इसमें किसी मुल्कराज को पांच करोड़ रुपए देने का जिक्र है. समीर ने मुल्कराज को पहचानने से इनकार कर दिया. उन्होंने इस डायरी को प्रीति बिश्नोई की डायरी बताई है, लेकिन बाद में प्रीति ने स्वीकार किया कि उसने जमीन खरीदने के लिए पांच करोड़ रुपए का भुगतान किया है. इसके साथ ही डायरी में कुछ करोड़ रुपए के और निवेश के बारे में पेन से लिखा मिला है.
समीर बिश्नोई ने ईडी के अधिकारियों को पूछताछ में बताया कि यह सोना उन्हें उपहार में मिला है. हालांकि समीर ने इस उपहार का अपने किसी भी आयकर रिटर्न में जिक्र नहीं किया है. इसके साथ ही 24 कैरेट के हीरा का भी जिक्र आयकर रिटर्न में नहीं है. ईडी की पूछताछ के दौरान समीर की पत्नी प्रीति ने सोना और अन्य ज्वेलरी से संबंधित दस्तावेज देने से इनकार कर दिया. ईडी के अधिकारियों ने कोर्ट में पेश हलफनामे में कहा कि समीर ने पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया. उनसे पूछे जाने वाले सवालों का जवाब उनकी पत्नी प्रीति बिश्नोई ने दिया.
ईडी ने समीर को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में यह भी कहा कि वह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं अपने पद का दुरुपयोग करके सबूतों को नष्ट भी कर सकते हैं खनिज परिवहन की अवैध वसूली गेंग में समीर बिश्रोई सक्रिय रूप से भागीदार हैं और उनके पास अवैध राशि पहुंचती है.
ईडी ने कोर्ट में बताया कि कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के ठिकानों पर आयकर की कार्रवाई में जो दस्तावेज मिले, उसमें समीर बिश्नोई की संलिप्तता उजागर हुई. इसके बाद मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करके जांच शुरू की गई. महासमुंद के कारोबारी रजनीकांत तिवारी के घर से आइटी छापे में मिली डायरी में समीर बिश्रोई को 50 लाख रुपए देने की एंट्री मिली है. यह एंट्री 9 मार्च 2022 की है. इसके साथ ही अवैध लेन-देन की और भी एंटी दर्ज की गई है.
ईडी के वकीलों ने कहा कि समीर बिश्रोई कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के द्वारा तैयार किए गए अवैध वसूली के नेटवर्क का हिस्सा है और अवैध कमाई में हर महीने लाखों रुपए समीर को मिलते थे. ईडी ने कोर्ट में बताया कि उनके घर से किसी प्रकार का कोई कारोबार नहीं होता है. ऐसे में उनके घर से बरामद 47 लाख रुपए अवैध तरीके से प्राप्त किए गए हैं. समीर ने नगद पैसे के बारे में भी कोई ठोस जवाब नहीं दिया. समीर के वाट्सअप चैट से साफ हो रहा है कि उनको यह राशि सूर्यकांत गैंग के सदस्यों से मिली है.