
कलेक्टोरेट बिल्डिंग सहित अन्य भवनों की गोबर पेंट से हुई पुताई
रायपुर : गोधन न्याय योजना ने छत्तीसगढ़ में महिलाओं की आर्थिक आजादी के नए सोपान गढ़े हैं. योजना के तहत गौठानों में 200 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गोबर खरीदी की जा रही है. गोबर का उपयोग जैविक खाद के अलावा गोबर से पेंट बनाने में किया जा रहा है. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं जुड़ी हुई हैं.
प्राकृतिक पेंट निर्माण को बढ़ावा देने के लिए गाय के गोबर से पेंट निर्माण करने की इकाई राज्य के विभिन्न जिलों में स्थापित की जा चुकी है. इसी तरह की गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण की इकाई कोण्डागांव जिले के मर्दापाल रोड स्थित शहरी गौठान में 26 जनवरी 2023 को शुरू की गई है. यहां 3 महीने में ही 7 हजार 368 लीटर से अधिक पेंट का निर्माण किया जा चुका है. इकाई में स्व-सहायता समूह की 10 महिलाओं द्वारा गोबर से प्राकृतिक पेंट का निर्माण किया जा रहा है. अब तक 17 लाख 43 हजार रुपये के 7 हजार 351 लीटर गोबर पेंट का विक्रय किया जा चुका है.
कोण्डागांव जिले में गोबर से बने पेंट का उपयोग सरकारी भवनों, स्कूलों एवं छात्रावासों की पुताई के लिए किया जा रहा है. कलेक्टोरेट बिल्डिंग सहित अन्य भवनों की गोबर पेंट से पुताई की गयी है, जिससे ये भवन अधिक सुन्दर और आकर्षक दिखने लगे हैं. प्राकृतिक पेंट के इस्तेमाल से पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है. स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिल रहा हैं जिससे उनकी आय में वृद्धि भी हो रही है.
समूह की अध्यक्ष मीना विश्वास बताती हैं कि वे गोबर से डिस्टेंपर एवं इमल्शन पेंट का निर्माण बना रही हैं. इकाई को लोक निर्माण एवं जिला निर्माण समिति द्वारा गोबर पेंट क्रय हेतु अग्रिम आर्डर दिया गया है. गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण से स्थानीय स्तर पर उपलब्ध गोबर का सदुपयोग होने के साथ ही युवाओं, महिलाओं और ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है. इससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं. स्थानीय स्तर पर गोबर के पेंट निर्माण से स्कूलों, आश्रम-छात्रावासों, शासकीय भवनों तथा आम लोगों के घरों के लिए किफायती दर पर इमल्शन एवं डिस्टेंपर आसानी से मिल रहा है.