
GPM : गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में बुजुर्ग नमक-चावल खाकर गुजारा करने के लिए मजबूर हैं. इन बुजुर्गों को करीब छह माह से वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिली है. जिले में इस योजना के तहत 10510 बुजुर्ग पंजीकृत हैं. ऐसे में ये जनप्रतिनियों और अफसरों के चक्कर काटते हैं, पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो किसी की दी रोटी और सरकारी राशन में मिलने वाले चालव को ही नमक से खाते हैं. बताया जा रहा है कि सर्वर डाउन होने के कारण इनका डाटा शासन तक नहीं पहुंचा है. ऐसे में पेंशन भी नहीं आई है.
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल वृद्धावस्था पेंशन बुजुर्गों का बड़ा सहारा है. ऐसे बुजुर्ग जिनका कोई नहीं है, इस पेंशन का लाभ लेकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. इसके लिए जिले में भी बुजुर्गों का नाम पंजीकृत है, लेकिन चार से छह माह हो गए, उनके खातों में पेंशन नहीं आई है. ऐसे में उनकी स्थिति दयनीय हो गई है. पेंशन मिलती तो एक रुपये किलो की दर से सरकारी चावल मिल जाता था. पेंशन रुकने से वह भी नहीं मिल पा रहा. ऐसे में आसपास के लोग मदद कर जाते हैं.
हालात ऐसे हो गए हैं कि सूखी सब्जी-भाजी को पानी में उबालकर खा रहे हैं. कई तो नमक-चावल या फिर नमक-रोटी खाने को मजबूर हैं. किसी दिन भूखे पेट ही सोते हैं. सरकारी चावल के लिए भी रुपये उधार लेते हैं. फिर उसमें से कुछ चावल बेचकर उधार चुकाते हैं. अफसरों ने इस मामले में चुप्पी साध ली है. वह कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं. विभागीय कंप्यूटर ऑपरेटर राम सिंह ध्रुव बताता है कि, जनवरी और फरवरी का डाटा भेज दिया गया है, पर केंद्र से सर्वर प्रॉब्लम है. इसके चलते हितग्राहियों के खाते में पैसा ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है.