
कम्प्यूटर से छेड़छाड़ कर मूल दस्तावेज में हेराफेरी
सेटिंग में पटवारी नियमों को कर दिया दरकिनार
गजेन्द्र वर्मा-
दुर्ग के बोरसी में अवैध प्लाटिंग का काम जोरो पर है. यहां नियमों को दरकिनार कर अवैध प्लाटिंग करने वाले दलालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय अधिकारी-कर्मचारी उसके सहयोगी बन गए हैं. इसकी शिकायत क्षेत्र के लोगों के द्वारा भी की गई है. परंतु इसे भी नजरअंदाज कर दिया गया. अवैध प्लाटिंग की जमीनों में एक हिस्सा पटवारी को भी मिल रहा है. जिसे खरीदी के रूप में अंकित किया जा रहा है. हल्का नं 39 दुर्ग के पटवारी ने अपनी पत्नी सुनीति निषाद जो आर. आई. (सिकोला पदस्थ) है के नाम से खसरा नंबर 363/36 रकबा 0.011 हेक्टेयर, 363/45 रकबा 0.011 हेक्टेयर जमीन खरीदा गया. पूर्ववत में सुनीति निषाद का नाम राजस्व विभाग की वेबसाइट में दिख जाता था, परंतु क्षेत्र के लोगों की शिकायतों के बाद अब इस जमीन के मालिक का नाम A और पिता का नाम B कर दिया गया है. सवाल तो यह उठता है कि नियमों के अनुसार नाम बदलने या त्रुटि में सुधार करने का अधिकार एसडीएम के पास है पर यहां आखिर किसने नाम बदल दिया और किस नियम का पालन किया गया? इन सवालों के जवाब क्षेत्र की जनता द्वारा मांगा जा रहा है तब से पटवारी की नींद हराम है.
कहीं ना कहीं क्षेत्र के पटवारी को संबंधित अधिकारियों का संरक्षण मिल रहा है तभी उन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. राजस्व विभाग हमेशा से भ्रष्टाचार की लिस्ट में सबसे ऊपर रहा है. अवैध प्लाटिंग पर हल्ला तो खूब किया जाता है परंतु कार्यवाही के नाम पर जीरो है. पटवारी सूर्यकांत निषाद ने दिनांक 10 मार्च 23 को अपने सहायक के साथ मिलकर खसरा नंबर 363/6 रकबा 0.0139 हे. जमीन की खरीदी बिक्री की गई. खसरा नं 363/6 अवैध प्लाटिंग का हिस्सा है. अवैध प्लाटिंग से लगातार राजस्व को नुकसान होता है, जो कि एक अपराध है और कंप्यूटर से नामों के साथ छेड़खानी करना भी अपने पावर का दुरुपयोग करने जैसा है.
अपने पावर को दुरुपयोग करने वाले कर्मचारी पर आखिर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? क्षेत्र के लोगों का यह भी कहना है कि, ऐसा नहीं है कि क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही नहीं हो रही है पर कार्यवाही वहां की जा रही है जहां कोई बात नहीं बन पा रही है. बोरसी क्षेत्र के लोगों के द्वारा क्षेत्र में हो रहे अवैध प्लाटिंग को सूचीबद्ध करने व शासकीय रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करने वाले कर्मचारी पर कार्यवाही करने की मांग की जा रही है.