
बस्तरवासियों को 85 साल पुरानी ‘महारानी’ पर ही भरोसा
66,696.91 रुपए से तीन वर्षों में तैयार हुआ था अस्पताल
हेमंत कश्यप जगदलपुर- शहर में स्थित महारानी अस्पताल आज भी लोगों की पहली पसंद है. करोड़ों रुपए की लागत से बने मेडिकल कालेज अस्पताल तक जाने की बजाय लोग यहां इलाज कराने का प्राथमिकता देते हैं. इस अस्पताल का निर्माण तत्कालीन महारानी की पहल पर 1938 में किया गया था. अस्पताल प्रांगण में ही महारानी की एक प्रस्तर प्रतिमा है जिसे अंग्रेजों ने इंग्लैंड में बनवाया था. मूर्ति की स्थापना के बाद से ही लोग इसके आगे शीश झुकाते आ रहे हैं.
1930 के दशक में यहां मलेरिया और आंत्रशोथ का प्रकोप था. बड़ी संख्या में लोगों की मौत इन व्याधियों से हो जाती थी. शहर के वयोवृद्ध नागरिक बंशीलाल विश्वकर्मा (93) बताते हैं कि परिस्थितियों को देखते हुए तब महारानी प्रफुल्ल कुमारी देवी की पहल पर इस अस्पताल का निर्माण किया गया. इसकी पहल स्वयं महारानी ने 32 हजार रुपए के अंशदान से की. उनकी प्रेरणा से 39 और लोगों ने भी धन दिया. इस तरह कुल 66, 696.91 रुपए की व्यवस्था हो पाई. इस राशि को महारानी ने अंग्रेज प्रशासक के सुपुर्द कर दिया. 1935 में अस्पताल का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया जो 1938 में पूरा हो गया. 25 फरवरी 1938 को अस्पताल शुरू हो गया. दानदाताओं की सूची का ताम्रपत्र अधीक्षक कक्ष में टंगा हुआ है.
अस्पताल पूरा होने से पहले ही निधन
महारानी प्रफुल्ल कुमारी देवी का जन्म 10 फरवरी 1910 को हुआ था. मात्र 26 वर्ष की आयु में 28 फरवरी 1936 को उनका आकस्मिक निधन हो गया. उनके सपनों का अस्पताल अभी बनना शुरू ही हुआ था. महारानी के प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा और उनके योगदान को यादगार बनाने के लिए ब्रिटिश हुकूमत ने उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया. प्रतिमा इंग्लैड से बनवाकर मंगवाई गई. फिर उसे अस्पताल के सामने ही स्थापित कर दिया गया. तभी से रोग ठीक होने के बाद प्रतिमा को प्रणाम करने के बाद ही घर लौटते हैं. यहां इलाज करवाने पड़ोसी राज्य उड़ीसा से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं.
2019 में पूरा हुआ उन्नयन कार्य
एनएमडीसी की मदद से डीमरापाल में मेडिकल कालेज अस्पताल का निर्माण किया गया है. यह शहर से नौ किमी दूर है. मेडिकल कालेज बनने के बाद महारानी अस्पताल की उपेक्षा प्रारंभ हो गई थी. 85 साल पुराने महारानी अस्पताल के उपकरण पुराने हो चुके थे. बेड और उपकरण की कमी से मुश्किलें बढ़ीं. स्थानीय विधायक रेखचंद जैन की पहल पर सौ सीटर महारानी अस्पताल का उन्नयन किया गया. करोड़ों रूपए खर्च कर तैयार महारानी अस्पताल के नए स्वरूप का उद्घाटन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गत 23 नवंबर 2019 को किया था. यह अस्पताल आज भी पूरी गरिमा के साथ मानवता का मंदिर बना हुआ है.