
भिलाई- क्या किडनी स्टोन का संबंध गले की ग्रंथि पैराथायराइड से हो सकता है? हो सकता है यह दूर की कौड़ी लगे पर हाल ही में अस्पताल पहुंचे एक 55 वर्षीय पुरुष में इसका सीधा संबंध देखा गया है. मरीज की दोनो किडनी में छोटी-छोटी पथरियां थीं. रक्त में क्रेटिनिन का स्तर 2.5 था. रक्त में कैल्शियम का स्तर भी काफी अधिक था. जांच करने पर उसे पैराथायराइड ग्रंथि के कैंसर से जूझता पाया गया.
डॉ विजय वच्छानी ने बताया कि दरअसल पैराथायराइड ग्रंथि से स्रावित हार्मोन शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस की मात्रा को नियंत्रित करता है. पैराथायराइड में कैंसर होने की वजह से हार्मोन का स्राव प्रभावित हुआ था जिसके कारण अस्थियों का कैल्शियम निकलकर रक्त में जा रहा था. इसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उसमें दरारें भी पड़ सकती हैं. किडनी स्टोन की भी यही वजह थी.
उन्होंने बताया कि जब भी किसी में किडनी स्टोन पाया जाता है तो उसके संभावित कारणों की पड़ताल भी की जाती है. रक्त में यदि कैल्शियम की मात्रा अधिक मिले तो उसके कारणों की जांच जरूरी हो जाती है. 55 वर्षीय यह मरीज जब हास्पिटल आया था तो वह पेट में तीव्र पीड़ा, भूख न लगना और कमजोरी की शिकायत भी कर रहा था. इसीसे संदेह उत्पन्न हुआ और रोगी के थायराइड की जांच की गई. उन्होंने बताया कि पैराथायराइड कैंसर एक अत्यंत विरल परिस्थिति है. विकसित देशों में सिर्फ एक फीसदी कैंसर रोगियों में यह पाया जाता है. इसकी संभावना सबसे ज्यादा 35 से 40 वर्ष की आयु में अथवा 70 साल से अधिक उम्र में बढ़ जाती है. महिलाओं में थायराइड कैंसर की संभावन पुरुषों से दो गुना अधिक होती है.