
मुख्य सचिव ने विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सड़क सुरक्षा के संबंध में ली समीक्षा बैठक
राहुल गौतम-राजनांदगांव : मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सड़क सुरक्षा के संबंध में जिलों की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान कलेक्टर डोमन सिंह एवं पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा उपस्थित रहे. मुख्य सचिव अभिताभ जैन ने कहा कि सड़क सुरक्षा नीति के पुनर्निर्माण तथा सड़क सुरक्षा कार्ययोजना के लिए विशेष तौर पर कार्य करने की जरूरत है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके.
भारत शासन के निर्देशानुसार सड़क सुरक्षा के लिए सभी जिलों में जागरूकता हेतु जिला प्रशासन, पुलिस, परिवहन विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम के समन्वित प्रयास से निरंतर कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़, कोरबा, बलौदा बाजार जैसे जिलों में सड़क दुर्घटना तथा मृत्यु के आंकड़ों को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली.
उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना के वास्तविक कारण की प्रविष्टि होने पर कारणों को दूर किया जा सकेगा. उन्होंने राजनांदगांव जिले में जिला प्रशासन द्वारा 4 हजार नागरिकों को हेलमेट पहनने के लिए शाल एवं श्रीफल देकर सम्मानित करने की पहल की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए बिहेवियर चेंज के माध्यम से नागरिकों को हेलमेट पहनने की आदत को प्रोत्साहित करें. राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों को भी इससे जोड़ा जा सकता है. उन्होंने सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए जिले में कांजी हाऊस में पशुओं को रखने की पहल की सराहना की.
उन्होंने कहा कि सभी जिलों में 108 एवं 112 टोल फ्री नंबर के माध्यम से सेवाएं दी जा रही हैं. सड़क दुर्घटना के बाद 108 एवं 112 के माध्यम से सड़क दुर्घटना के बाद त्वरित चिकित्सा सेवा एवं चिकित्सा दी जानी चाहिए. इसके लिए समग्र एवं सकारात्मक प्रयासों की जरूरत है. सड़क दुर्घटना रोकने के लिए किए जाने वाले प्रसास तथा रैंकिंग को बेहतर करने की आवश्यकता है. जिलों में इसके लिए लगातार सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम, अतिक्रमण हटाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हालांकि इन प्रयासों में समय लगेगा, लेकिन इसके परिणाम बेहतर रहेंगे. उन्होंने सड़क सुरक्षा के क्रियान्वयन, मानिटरिंग, मूल्यांकन के संबंध में चर्चा की. सड़क दुर्घटना के डेटा संग्रहण, रिकार्डिंग एवं विश्लेषण के संबंध में कहा, ताकि सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए सशक्त कदम उठाया जा सके.
कलेक्टर डोमन सिंह ने बताया कि जिले में सड़क सुरक्षा जागरूकता एवं यातायात शिक्षा लगातार दी जा रही. सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए कांजी हाऊस में पशुओं को रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि मुख्य मार्गों के निर्माण के दौरान आवश्यक सड़क सुरक्षा बोर्ड लगाए जा रहे है. खड़ी हुई गाड़ियों में अन्य वाहनों के टकराने को रोकने लिए रिफ्लेक्टर लगाए जा रहे हैं. टर्निंग पाईंट, फुटपाथ, पार्किंग स्थलों एवं अन्य दुर्घटनाजन्य क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगातार की जा रही है. इन प्रयासों से जिले में सड़क दुर्घटना में कमी आई है.
उन्होंने बताया कि 17 ब्लैक स्पॉट में पीडब्ल्यूडी द्वारा सुधारात्मक कार्य किए गए हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रमुख स्थानों पर स्पीड ब्रेकर, रम्बल, स्ट्रील लाईट, ब्लिंकर, चेतावनी बोर्ड, वाइडनिंग, रोड मार्किंग, स्ट्रीट लाईट, दोपहिया वाहनों एवं तेजगति से वाहन चालने पर कार्रवाई की जा रही है. जनजागरूकता रैली, हेलमेट रैली स्कूल एवं कालेजों में यातायात प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. शराब दुकान में फ्लैक्स, पोस्टर के माध्यम से नशे में वाहन चालन पर वैधानिक कार्रवाई तथा समाज पर पडऩे वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया जा रहा है.
पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में खड़ी हुई गाड़ियों पर अन्य वाहन के टकराने से दुर्घटना हुई है. जिसे देखते हुए हर गाड़ी में रिफ्लेक्टर लगाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए पार्किंग की व्यवस्था सही होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग द्वारा गलत तरीके से वाहन चलाने पर चालक पर सख्ती से रोक लगाई जा रही है. नागरिकों को हेलमेट तथा सीट बेल्ट लगाने के लिए जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सड़कों में साईन बोर्ड लगाया गया है.
सड़क सुरक्षा हेतु बैरिकेट्स, ब्रीथ एनालाईजर, हाईवे प्रेट्रोलिंग की व्यवस्था की जा रही है. स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार यातायात के प्रवाह तथा दुर्घटनाजन्य सड़कों का चिन्हांकन कर इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इस अवसर पर अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, नगर निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी, अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी यशवंत यादव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एके बसोड, कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे.