
भिलाई- विश्व थिएटर दिवस के मौके पर आज एमजे कालेज में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उद्देश्य लोगों को जीवन के सभी क्षेत्रों में ड्रामेटिक्स की उपयोगिता के विषय में जानकारी देना था. कार्यशाला के आरंभ में विद्यार्थियों ने अपने पसंदीदा टीचर्स के हावभाव की जीवंत प्रस्तुतियां भी दीं. यह आयोजन एमजे कालेज के ड्रामा क्लब द्वारा किया गया था.
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यशाला को शिक्षा संकाय की अर्चना झा, ममता एस राहुल, नेहा महाजन, प्रबंधन संकाय की स्नेहा चन्द्राकर एवं कम्प्यूटर साइंस विभाग के प्रवीण कुमार ने संबोधित किया. सभी वक्ताओं ने स्वीकार किया कि नाटकीयता का जीवन में तो महत्व है ही, शिक्षा के क्षेत्र में भी इसकी बड़ी भूमिका हो सकती है. सभी वक्ताओं ने अपने अपने अनुभव साझा किये तथा यह भी बताया कि उन्हें अपने विद्यार्थी जीवन का कौन सा व्याख्याता याद है और उसकी वजह क्या है.
कार्यशाला के सूत्रधार की भूमिका दीपक रंजन दास ने निभाई. उन्होंने कहा कि हम सभी बचपन से नाटकीयता का उपयोग करते हैं. नाटकीयता वक्तव्य को नए आयाम देता है. यह तब और भी जरूरी हो जाता है जब हम किसी को कुछ समझाने या वांछित परिणाम प्राप्त करने के व्यग्र होते हैं. कम्यूनिकेशन स्किल आपके करियर को चार चांद लगा सकता है. शिक्षा और कौशल का समान स्तर होने पर संचार कला आपको औरों से आगे खड़ा कर सकती है. महाविद्यालय में गठित ड्रामा क्लब द्वारा समय-समय पर इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को आमंत्रित करने की भी यही वजह है.
कार्यक्रम में शिक्षा संकाय के विद्यार्थियों के साथ ही कम्प्यूटर साइंस के विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए.