
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा की गई घोषणा पर संचालक लोक शिक्षण ने लिया संज्ञान जिला शिक्षा अधिकारियों को दिये निर्देश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप छत्तीसगढ़ के सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में सावित्री बाई फूले की फोटो चित्र लगाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश संचालक लोक शिक्षण ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए हैं.उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिन स्कूलों में सावित्री बाई फूले के फोटो चित्र लगाए जा चुके हैं, उनकी सूची भिजवाएं.
गंडई में की गई थी घोषणा
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राजनांदगांव जिले के गंडई में 3 जनवरी 2022 को समाज सुधारक सावित्री बाई फूले जयंती एवं सम्मान समारोह में प्रदेश के सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में सावित्री बाई फूले की फोटो लगाने एवं उनके व्यक्तित्व का संक्षिप्त विवरण पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की थी.
जिला शिक्षा अधिकारियों को भी आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर समुचित कार्यवाही किए जाने के लिए 2 मार्च 2022 को संचालक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को पत्र प्रेषित किया गया. इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को भी आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए. संचालक लोक शिक्षण ने पुन: जिला शिक्षा अधिकारियों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
प्रथम महिला शिक्षिका –
सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका , समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं. उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्रियों के अधिकारों का कार्य किए. सावित्रीबाई भारत के प्रथम कन्या विद्यालय में प्रथम महिला शिक्षिका थी. उन्हें आधुनिक मराठी काव्य की अग्रदूत माना जाता है. 1852 में उन्होंने अछूत बालिकाओं के लिए विद्यालय की स्थापना की.
परिचय
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था. पिता का नाम खन्दोजी नेवसे और माता का नाम लक्ष्मी था. 1840 में साल की उम्र में सावित्रीबाई की शादी 13 साल के ज्योतिराव फुले से हुई. सावित्रीबाई फुले भारत पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थी. महात्मा ज्योतिबा को महाराष्ट्र और सामाजिक सुधार आंदोलन में एक सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में माना जाता है. उनको महिलाओं और दलित जातियों को शिक्षित करने के प्रयासों जाना जाता है. ज्योतिराव, जो बाद में ज्योतिबा के नाम से जाने गए सावित्रीबाई के संरक्षक गुरु और समर्थक थे. सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया.
सावित्रीबाई फूले का उद्देश्य
विधवा विवाह करवाना हुआछत मिटाना महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना.
एक कवियत्री भी थीं उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था. सामाजिक मुश्किले स्कूल जाती तो विरोधी लोग पत्थर मारते थे. उन पर गंदगी फेंक देते थे. आज से 160 साल पहले बालिकाओं के लिये जब स्कूल खोलना पाप का काम माना जाता था कितनी सामाजिक मुश्किलों से खोला गया होगा देश में एक अकेला बालिका विद्यालय. सावित्रीबाई परे देश की महानायिका है.हर बिरादरी और धर्म के लिये उन्होंने काम किया. जब सावित्रीबाई कन्याओं को पढ़ाने के लिए जाती थी तो रास्ते लोग उन पर गंदगी, कीचड़, गोबर, विष्ठा तक फेंका करते थे.
सावित्रीबाई एक साड़ी अपने थैले में लेकर चलती थी और स्कूल पहुँच कर गंदी कर दी गई बदल लेती थीं. अपने पथ पर चलते रहने की प्रेरणा बहुत अच्छे से देती है.
विद्यालय की स्थापना 1848 में पुणे अपने पति के साथ मिलकर विभिन्न जातियों की नो छात्राओं के साथ उन्होंने एक विद्यालय की स्थापना की. यह भारत में लड़कियों के लिए खुलने वाला पहला स्त्री विद्यालय था. एक वर्ष में सानिवीबाई और महात्मा फुले पाँच नये विद्यालय खोलने में सफल हुए. उन्होंने पहला और अठारहवां स्कूल पुणे में ही खोला. तत्कालीन सरकार ने इन्हें सम्मानित भी किया. एक महिला प्रिंसिपल के लिये सन् 1848 में बालिका विद्यालय चलाना कितना मुश्किल होगा, इसकी कल्पना शायद आज भी नहीं की जा सकती. लड़कियों की शिक्षा पर उस समय सामाजिक पाबंदी थी.सावित्रीबाई फुले उस दौर में न सिर्फ पढ़ीं, बल्कि दूसरी लड़कियों के पढ़ने का भी बंदोबस्त किया पुणे में.
गर्भवती बलात्कार पीडितों के लिए बाल हत्या प्रतिबंधक गृह की स्थापना की
उन्होंने विधवा पुनर्विवाह की भी शुरुआत 1854 में विधवाओं के लिए आश्रम भी बनाया. साथ ही उन्होंने नवजात शिशुओं के लिए भी आश्रम खोला ताकि कन्या शिशु हत्या को रोका जा सके.
सावित्रीबाई फूले की दो काव्य पुस्तकें लिखी
1. काव्य फुले 2. बावनकशी सुबोधरत्नाकर ‘
सावित्रीबाई का निधन
10 मार्च 1897 को प्लेग महामारी के कारण सावित्रीबाई फुले का निधन हो गया. एक प्लेग के छूत से प्रभावित बच्चे की सेवा करने के कारण इनको भी छूत लग गया और इसी कारण से भी उसकी मृत्यु हो गई.