
GPM : गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में पिछले 4 दिनों से बिगड़े मौसम ने किसानों को चिंता में डाल दिया है. बेमौसम हुई बरसात से खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है. सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं और सब्जी की खेती करने वाले किसानों को हुआ है. प्रशासन की ओर से अभी तक कोई भी अधिकारी नुकसान देखने नहीं पहुंचा है. वहीं अफसर जल्द ही सर्वे कराने और नुकसान की भरपाई करने की बात कह रहे हैं. हालांकि इसमें भी जिन किसानों का फसल बीमा नहीं है, उनकी उम्मीद कम ही दिख रही है.
पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मौसम में आए परिवर्तन और बरसात ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है. पिछले चार दिनों में जिले में करीब 39 मिमी बारिश दर्ज की गई है. बेमौसम बरसात में जहां गर्मी की धान की फसल को फायदा पहुंचाया है, वहीं पक कर तैयार होने की स्थिति में पहुंच गई गेहूं की फसल भी बर्बाद कर दी है. तेज आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश से गेहूं की खड़ी फसल खेतों में ही गिर गई. इससे किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. अब किसानों को फसल साफ कराने के लिए भी अतिरिक्त व्यय करना पड़ेगा.
दूसरी ओर आदिवासियों के जीवन का मुख्य आधार जंगली फूल महुआ संग्रहण के लिए भी बारिश आफत बन गई है. करीब एक महीने तक चलने वाला संग्रहण कम से कम 10 दिन कम हो गया है. साथ ही घरों में सुखाने के लिए रखा गया महुआ भी खराब हो रहा है. वहीं कृषि विभाग ने अब तक किसानों को होने वाले नुकसान का सर्वे नहीं किया है. कृषि विभाग के एसडीओ एस कुमार का कहना है कि शीघ्र ही नुकसान का आकलन किया जाएगा. जिन किसानों ने फसल बीमा कराया है, मुआवजा बीमा कंपनी से मिलेगा. जिन्होंने बीमा नहीं कराया है उनके नुकसान की भरपाई आरबीसी 6-4 के तहत कराने की कोशिश की जाएगी.