
दुर्ग : जिले के मोहन नगर और उतई थाना क्षेत्र में रहने वाले दो युवकों ने एक ही दिन फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. दोनों युवक कालेज के छात्र थे. दोनों मामलों में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है. पुलिस ने मर्ग कायम कर मामलों की जांच शुरू की है.
मोहन नगर पुलिस ने बताया कि सिंधिया नगर दुर्ग निवासी उबैद खान के घर पर किराये पर रहकर बीआइटी दुर्ग में बीटेक की पढ़ाई कर रहे रोहित देवांगन (21) ने रविवार को अपने कमरे में फांसी लगा ली. मृतक बीटेक के चौथे सेमेस्टर का छात्र था. पुलिस को जानकारी होते ही मौके पर पहुंची और मामले की जांच की तो पाया कि छात्र ने अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद किया हुआ था और उसकी लाश फांसी पर लटकती मिली.
इसके बाद पुलिस ने लोगों की मौजूदगी में पंचनामा किया और शव को पीएम के लिए मर्चुरी में रखवा दिया है. पुलिस ने छात्र के परिजनों को भी इसकी सूचना दे दी है. छात्र ने खुदकुशी क्यों की इसका पता नहीं चल पाया है. आत्महत्या का कारण जानने के लिए परिजन, दोस्तों और आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है.
फांसी लगाने से पहले रोहित ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है. उसमें उसने लिखा है कि “मैं जो भी किया हूं अपनी मर्जी से किया हूं. इसके लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाए. ये मेरी डेस्टिनी थी. ये आज नहीं तो कल मेरे साथ होना था. मैं इसके लिए सॉरी बोलता हूं. आई एम सो सो सो सॉरी’. उसने आगे लिखा है कि वो पढ़ाई या किसी अन्य कारण से ऐसा नहीं कर रहा है. पुलिस ने रोहित देवांगन के दोस्तों से पूछताछ की वे भी खुदकुशी के कारणों को नहीं बता पाए. माता-पिता का भी कहना था कि उनका बेटा ऐसा नहीं कर सकता है. वह काफी अच्छा था उसने ऐसा क्यों किया पता नहीं चल रहा है. माता-पिता व शिक्षकों ने बताया कि रोहित पढ़ाई में भी काफी तेज था.
पड़ोस में रह रहे दूसरे छात्र ने देखी लाश
पुलिस ने बताया कि मकान में रह रहे दूसरे पीजी के छात्र ने सबसे पहले देखा कि रोहित फांसी पर लटका है. इसके बाद उसने इसकी जानकारी मकान मालिक को दी. फिर उबैद खान ने इसकी जानकारी रोहित के मामा को दी. सूचना पर पुलिस तत्काल घटना स्थल पर पहुंची और कमरे को सील कर दिया है.
बी कॉम छात्र ने भी लगाई फांसी
वहीं उतई थाना क्षेत्र के नयापारा वार्ड 13 निवासी देवेंद्र कुंजाम (21) ने रविवार की शाम को अपने घर पर फांसी लगा ली. देवेंद्र बी काम द्वितीय वर्ष का छात्र था. इस मामले में भी घटना का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है.