
रायपुर : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) भिलाई का नया सत्र दुर्ग के कुठेलाभाठा कैंपस में लगेगा. IIT प्रबंधन ने जून में शिफ्टिंग की तैयारी कर ली है. दुर्ग के कुठेलाभाठा में 346 एकड़ भूमि पर IIT कैंपस में पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है. भवन, बिजली, लैब व अन्य व्यवस्थाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं. पानी सप्लाई का काम बचा हुआ है. वह भी जल्द पूरा हो जाएगा. प्रबंधन ने कहा है कि जून तक हर हाल में कैंपस में शिफ्ट हो जाएंगे.
बता दें कि राज्य में वर्ष-2016 से IIT की शुरुआत हुई. 780 करोड़ रुपये की लागत से आइआइटी का निर्माण किया जा रहा है. इसमें 200 करोड़ रुपये की मशीनें लगाई जा रही हैं, जो छात्रों को अध्ययन व शोध में मदद करेंगी. आइआइटी शुरू होने के साथ ही इसका संचालक अस्थायी रूप से रायपुर शासकीय इंजीनियरिंग कालेज के भवन में किया जा रहा है. सीमित जगह होने की वजह से शोध और शिक्षा का विस्तार आइआइटी के अनुरूप नहीं हो पाया है. नए भवन में शिफ्ट होने के बाद आइआइटी का संचालक व्यवस्थित रूप से होगा. छात्रों को भी शोध और अध्ययन में मददगार साबित होगा.
प्रबंधन ने बताया कि आइआइटी के पास सिरसाखुर्द में 100 एकड़ जगह है. इसमें आने वाले समय में कृषि से जुड़े शोध और पाठ्यक्रम संचालित करने की योजना है, जिससे कृषि को और उन्नत बनाया जा सके. वहीं, नया रायपुर में शासन की तरफ से मिली 10 एकड़ जगह पर कौशल विकास से जुड़े पाठ्यक्रम संचालित करने, रोजगार को बढ़ावा देने प्रशिक्षण आदि के लिए कैंपस तैयार किया जाएगा.
आइआइटी बीटेक की 150 सीटें
आइआइटी भिलाई में बीटेक की 150 सीटें हैं. इसके साथ ही अलग-अगल विषयों में एमटेक, पीएचडी पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं. इसके अलावा कई शोध कार्य किए जा रहे हैं. इन शोध के लिए आइआइटी के पास वर्तमान में 100 करोड़ रुपये का फंड है. नए डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव प्रकाश के पदभार संभालने के बाद अब चिकित्सा, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि में शोध कार्यों को और अधिक बढ़ावा देने पर बल दिया जा रहा है.
आइआइटी भिलाई के कुल सचिव डा. जयेशचंद्र एस पाई का कहना है कि आइआइटी का नया सत्र नए भवन में संचालित होगा. हम कार्यों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं. पहले चरण का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. पानी सप्लाई नहीं हो पाई है, इस कार्य को भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा.