
अडाणी ग्रुप के संबंध में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बाजार में भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. रिपोर्ट के असर से अडाणी समूह के शेयर 20-25 प्रतिशत तक टूटे हैं. अडाणी ने रिपोर्ट के बाद 413 पन्नों में अपनी प्रतिक्रिया दी. अब हिंडनबर्ग ने अदाणी के जवाब के बाद एक बार फिर पलटवार किया है.
हिंडनबर्ग ने कहा है कि अडाणी समूह ने जितने भी सवालों के जवाब दिए वे बड़े पैमाने पर निष्कर्षों की पुष्टि नहीं करते. सवालों से बचने की कोशिश की गई है. हिंडनबर्ग ने कहा है कि राष्ट्रवाद की आड़ में धोखे से नहीं बचा जा सकता है. अडाणी समूह ने अपने जवाब में कहा है कि ये भारत देश, उसके संस्थान और विकास की कहानी पर सोच-समझकर किया गया हमला है. बता दें कि हिंडनबर्ग ने 106 पन्नों की एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें अडाणी समूह में कई गंभीर अनियमितताओं के दावे किए गए थे.
अडाणी समूह की ओर से दिए गए जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने कहा कि वह मानता है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और एक रोमांचक भविष्य के साथ एक उभरती हुई महाशक्ति है, पर यह अडाणी समूह है जो इसके विकास की गाथा को बाधित कर रहा है. हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह के इस आरोप को भी खारिज कर दिया है कि उसकी रिपोर्ट भारत पर हमला है. हिंडनबर्ग ने कहा है कि ‘धोखाधड़ी’ को राष्ट्रवाद या उसमें लिपटी प्रतिक्रिया से प्रभावित नहीं किया जा सकता है. अडाणी की ओर से दिए गए जवाब में प्रमुख आरोपों की अनदेखी की गई है.
हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की थी. इसमें अडाणी ग्रुप पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे बड़े आरोप लगाए गए थे. रिपोर्ट जारी होने के बाद गौतम अडाणी की नेटवर्थ 10% कम हो गई. फोर्ब्स के मुताबिक, अडाणी को नेटवर्थ में 1.32 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. अमीरों की लिस्ट में अडाणी चौथे नंबर से खिसकर 7वें पर आ गए थे. 25 जनवरी को उनकी नेटवर्थ 9.20 लाख करोड़ थी, जो 27 जनवरी को 7.88 लाख करोड़ रुपए पर आ गई थी.
अडाणी ग्रुप का हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर जवाब
1. अडाणी समूह ने जवाब में लिखा कि यह रिपोर्ट किसी खास कंपनी पर किया गया बेबुनियाद हमला नहीं है, बल्कि यह भारत पर किया गया सुनियोजित हमला है. यह भारतीय संस्थानों की आजादी, अखंडता और गुणवत्ता पर किया गया हमला है. यह भारत के विकास की कहानी और उम्मीदों पर हमला है.
2. समूह ने कहा कि यह रिपोर्ट गलत जानकारी और आधे-अधूरे तथ्यों को मिलाकर तैयार की गई है. इसमें लिखे गए आरोप बेबुनियाद हैं और बदनाम करने की मंशा से लगाए गए हैं. इस रिपोर्ट का सिर्फ एक ही उद्देश्य है- झूठे आरोप लगाकर सिक्योरिटीज के मार्केट में जगह बनाना, जिसके चलते अनगिनत इंन्वेस्टर्स को नुकसान हो और शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग बड़ा आर्थिक फायदा उठा सके.
3. अडाणी समूह ने अपने जवाब में हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए. ग्रुप ने कहा कि जब अडानी समूह का IPO लॉन्च होने वाला है, जो कि देश का सबसे बड़ा IPO होगा, तो उससे ठीक पहले ऐसी रिपोर्ट जारी करके हिंडनबर्ग ने अपनी बदनीयत का सबूत दिया है.
4. अडाणी ग्रुप ने कहा कि हिंडनबर्ग ने यह रिपोर्ट लोगों की भलाई के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिए जारी की है. इसे जारी करने में हिंडनबर्ग ने सिक्योरिटीज एंड फॉरेन एक्सचेंज लॉ का भी उल्लंघन किया है. न तो यह रिपोर्ट स्वतंत्र है, न निष्पक्ष है और न ही सही तरह से रिसर्च करके तैयार की गई है.