
छत्तीसगढ़ी लोककला के लिये अपूरणीय छति
रायपुर- छत्तीसगढ़ राज्य के लोककला क्षेत्र के जानेमाने हस्ती लोकछाया के संचालक विजय चंद्राकर हमारे बीच नही रहें वे स्वर कोकिला छाया चंद्राकर के पति थे. उनका निधन छत्तीसगढ़ी लोककला के लिये अपूरणीय छति है. वे जानेमाने छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रेम चंद्राकर के छोटे भाई व इदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति पद्मश्री डॉ.ममता चंद्राकर के देवर थे. विजय चंद्राकर के निधन से छत्तीसगढ़ के तमाम लोककलाकारों में शोक व्याप्त है. छत्तीसगढ़ आजतक के संपादक लखन वर्मा, कलापरंपरा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. डी.पी. देशमुख, महासचिव गयाप्रसाद साहू, संयोजक ब्रम्हदेव पटेल, रंगझरोखा के संचालक दुष्यंत हरमुख, सिरजन प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दीनदयाल साहू, ढोलामारू की निर्देशक रजनी रजक आदि कलाकारों ने विजय चंद्राकर के निधन पर शोक संवेदना प्रगट करते हुये उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने व परिवार को दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है.