
दुर्ग : इन दिनों बाजार में सब्जियों के भावों में कमी देखने को मिल रही है. सब्जियों के दाम में बीते छह महीनों की तुलना में कमी आने से लोगों ने राहत की सांस ली है. सर्दियों के सीजन में हरी सब्जियों की आवक में इजाफा हुआ है. साथ ही भावों में कमी होनी शुरू हो गई है.
सब्जी विक्रेता ने बताया कि इस बार मौसम ने साथ दिया है. कई बार दिसंबर में बदली के बाद बारिश होने से सब्जियों को नुकसान पहुंचता था. इस बार मौसम खराब नहीं होने से सब्जियों की पैदावर अच्छी हुई है. इस वजह से बाजारों में आवक बढ़ गई है जिससे दाम में कमी आई है. हरी सब्जियों के दाम भी कम हो गए हैं. लाल भाजी, पालक, मैथी, मूली, प्याज भाजी 20 से 25 रूपए किलो चिल्हर के भाव से बिक रहे हैं. इसके अलावा टमाटर थोक में छह से सात रूपए किलो के भाव से मिल रहा है जबकि चिल्हर में 10 रूपए किलो व प्याज 25 रूपए किलो के दाम से बिक रहे हैं. पिछले महीने 70 रूपए के भाव से बिकने वाल फूलगोभी 30 रूपए किलो में मिल रहा है.
आने वाले दिनों और सस्ती हो सकती है सब्जियां
सब्जी दुकानदारों का कहना है कि आने वाले समय में सब्जियों के भावों में और कमी देखने को मिल सकती है. उसका कारण है कि सभी सब्जियों की आवक मंडी में अच्छी हो रही है. बाहर से आने के साथ-साथ आसपास के गांव से भी सब्जियों की आवक होने से ग्राहकों को फायदा हो रहा है. मांग साधारण और आवक में बढ़ोतरी के चलते सब्जियों के भावों में 25 से 30 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिल रही है. आलू और प्याज के दाम में आंशिक कमी आई है. हरी सब्जियों को स्टॉक नहीं किया जा सकता. इस कारण इसके दाम सस्ते हो गए हैं, लेकिन आलू-प्याज के दाम कम नहीं हो रहे हैं.