
भानुप्रतापपुर : भानुप्रतापपुर में 18 वर्षीय छात्रा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली, परिजन मृत हालत में बच्ची को 18 किमी दूर से लेकर भानु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया.
शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए परिजनों को ठंड में भटकना पड़ा. भानुप्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल से 2 किमी दूर ले जाने की बात कही. परिजन किराए का वाहन कर शव को लेकर गए और वहां पहुंचते ही डॉक्टर ने कहा कि जिला चिकित्सा अधिकारी ने कुछ काम बताया है इसलिए पोस्टमार्टम आज नहीं करेंगे.
बेबस लाचार परिजन शव को उसी वाहन से लेकर वापस अस्पताल परिसर भानुप्रतापपुर आ गए. इस संबंध में पड़ताल की तो पता चला कि सीएमएचओ ने रतनजोत के बीज खाकर बीमार हुए 7 बच्चों के बारे में जानकारी मांगी थी, जिसे देने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने शव का पोस्टमार्टम न कर जानकारी देना उचित समझा और लौट आए. परिणाम यह हुआ कि इस शव की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी के साथ परिजन जो शव के साथ आए थे वे भी रातभर ठंड में अस्पताल में बैठे थे.
अस्पताल प्रबंधन संजीदा होता तो वाहन भी उपलब्ध कराता, जिससे गरीबों को आर्थिक नुकसान तो नहीं होता, परंतु इस समय ध्यान नहीं दिया गया. सीएमएचओ के निर्देश पर सुबह उन्हें शासकीय वाहन तो उपलब्ध कराया गया पर समस्याएं खत्म नहीं हुई, क्योंकि समय पर शव वाहन का चालक नहीं पहुंचा था. आनन-फानन में निजी ड्राइवर को बुलाकर शासकीय एंबुलेंस में शव को रखकर पोस्टमार्टम कक्ष तक पहुंचाया गया.