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साय सरकार के बजट ने राज्य की जनता को निराश किया – दीपक बैज
रायपुर- वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा में वर्ष 2025-26 के लिए 1 लाख 65 हजार एक सौ करोड़ रुपये का बजट पेश किया जिसपर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष दीपक बैज ने साय सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बिना किसी ठोस योजना के सतही कल्पनाओं पर आधारित नीरस बजट है. ऐसा लग रहा था वित्त मंत्री छत्तीसगढ़ का बजट नहीं मोदी की चरण वंदना कर रहे थे. साय सरकार का बजट आम जनता के अपेक्षा और उम्मीदों के विपरीत घोर निराशाजनक रहा है, ना इसमें युवाओं के रोजगार के संदर्भ में कोई रोड मैप दिख रहा है, ना ही महंगाई से निपटने कोई ठोस रणनीति है. स्वामी आत्मानंद स्कूलों, युवाओं के बेरोजगारी भत्ता, किसानों की आय बढ़ाने के लिए बजट में कुछ नहीं है. मोदी की गारंटी में किये गये वादे 1 लाख नौकरियों के सृजन के बारे में इस वर्ष के बजट में भी कुछ नहीं है. महिलाओं के लिए 500 रू. में सिलेंडर देने के बारे में बजट में कुछ नहीं है. पिछले बजट में 33,000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा किये थे एक भी भर्ती नहीं कर पाये. इस वर्ष फिर से 20,000 शिक्षकों की भर्ती की बात कर रहे है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश की 32 प्रतिशत आबादी आदिवासी समाज के लिए बजट में कुछ नहीं है. शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य के लिए, बजट में कुछ भी नया नहीं है. मजदूरों और गरीबों की आमदनी बढ़ाने के लिए बजट में कुछ नहीं है. श्री बैज ने कहा कि वित्त मंत्री अपने बजट भाषण में ठोस आर्थिक प्रावधानों के विपरीत सिर्फ जुमलेबाजी कर रहे थे. मोदी की चरण वंदना में समर्पित इस बजट में छत्तीसगढ़ के प्रति केंद्र सरकार की उपेक्षा और भेदभाव का कोई जिक्र नहीं था. पिछले बजट का ज्ञान फेल हो गया तो वित्त मंत्री इस बार लंगड़े बजट की गति लेकर आ गये. 15 सालों तक रमन सरकार मेट्रो ट्रेन का झुनझुना पकड़ाती थी, अब फिर से साय सरकार ने नये सिरे से राज्य की जनता को मेट्रो ट्रेन का झुनझुना पकड़ाया है.
उन्होंने कहा कि उद्योग नीति पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले वित्त मंत्री राज्य के वनोपजो पर आधारित उद्योगों, वनोपजो के वेल्यू एडिशन पर कुछ नहीं बोले. विश्वविद्यालयों की संख्या पर अपनी पीठ थपथपाने वाली साय सरकार ने अपने कार्यकाल में 1 भी सरकारी विश्वविद्यालय नहीं खोला. महतारी वंदन में छूटी महिलाओं को जोड़ने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है. सरकार ने अपने आत्म प्रचार के लिए जनसंपर्क के बजट में 550 करोड़ का प्रावधान किया है.