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छत्तीसगढ़ मातृशक्ति संगठन ने भूमकाल दिवस पर अमर शहीद गुंडाधूर को किया नमन
भिलाई- छत्तीसगढ़ मातृशक्ति संगठन ने रंगमंच रिसाली सेक्टर में 10 फरवरी को भूमकाल स्मृति दिवस के अवसर पर आदिवासी जननायक अमर शहीद गुंडाधुर को श्रद्धांजलि अर्पित की. संगठन ने कहा कि जल, जंगल और जमीन के अधिकारों की रक्षा के लिए अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध क्रांति का शंखनाद करने वाले गुंडाधुर का बलिदान इतिहास के पन्नों में सदा अमर रहेगा. उन्होंने अपने जीवन को देश की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया था. गुण्डाधुर ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ कई लड़ाइयाँ लड़ीं और उन्होंने अपने क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ एक शक्तिशाली आंदोलन का नेतृत्व किया. उनकी बहादुरी और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें एक महान नायक बना दिया था.
गुण्डाधुर की शहादत ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी और उनकी विरासत आज भी प्रेरणा का स्रोत है. उनकी याद में कई स्मारक और संस्थान बनाए गए हैं. गुण्डाधुर जी को भूमकाल का जननायक कहा जाता है. भुमकाल शब्द क्रांति व आंदोलन का शब्द है. ब्रिटिश हुकूमत का विद्रोह गुंडाधुर जी ने इस तरह किया कि अंग्रेजों को गुफाओं में सात दिनों तक छुपे रहना पड़ा. गुंडाधुर जी का विद्रोह अंग्रेजों के दाँत खट्टे कर दिए थे. हर साल 10 फरवरी को उनके शहादत दिवस के उपलक्ष्य में भूमकाल दिवस मनाया जाता है. शहीद गुण्डाधुर की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है जो हमें देशभक्ति, साहस और बलिदान की महत्ता को समझने के लिए प्रेरित करती है.
इस अवसर पर राजेन्द्र परगनिया विधायक प्रतिनिधि, चंद्रभान ठाकुर पार्षद, चंद्रकला तारम, उमा सिंह,रुकमणी ठाकुर कनकलता नाग, निर्मला चतुर्वेदी, मोनिका, जी.एल.देवदास, एम.आर.अन्नत,शिशुपाल बंजारे,एस.एल.चौहान,सतनाम सिंह आदि उपस्थित रहे.