
तीन हजार रुपये के लिए की दोस्त की हत्या, आरोपी कवर्धा से गिरफ्तार
दुर्ग- जिले के खुर्सीपार थाना क्षेत्र में करीब 3 हफ्ते पहले हुई लोकेश्वर बंजारे हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा ली है. हत्यारा कोई और नहीं उसका ही दोस्त अजय यादव निकला. पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर कवर्धा से आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद अजय कवर्धा में छिपा बैठा था. फिलहाल मामले में खुर्सीपार पुलिस उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
जानकारी के मुताबिक, बीते 6 दिसंबर की रात वीरांगना अवंती बाई भवन के पास नहर किनारे लोकेश्वर बंजारे (उम्र 28 साल) पिता लक्ष्मण बंजारे का शव मिला था. पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि लोकेश्वर के सिर पर पत्थर पटककर उसकी हत्या की गई है. घटना को गंभीरता से लेते हुए ASP (शहर) दुर्ग सुखनंदन ने अंबर सिंह भारद्वाज, थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए थे. पुलिस की जांच के दौरान सीसीटीवी के विश्लेषण और संदिग्धों से पूछताछ पर जानकारी मिली कि मृतक लोकेश्वर बंजारे और अजय यादव उर्फ टंगिया दोस्त थे. घटना वाले दिन दोनों को वीरांगना अवंती बाई भवन के पीछे जाते हुए देखा गया था.
लोकेश्वर और अजय की दोस्ती की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अजय यादव की पतासाजी में जुट गई. इस दौरान अजय के रिश्तेदारों और परिचितों पर लगातार नजर रखी जा रही थी. तभी पुलिस को यह जानकारी प्राप्त हुई कि आरोपी कवर्धा में है, जिसके बाद टीम ने कवर्धा पहुंचकर उसे हिरासत में लिया.
पुलिस के अनुसार आरोपी अजय यादव बेरला से अपनी भाभी के साथ मारपीट कर कुछ दिनों से भिलाई में रह रहा था. इसी बीच उसकी दोस्ती लोकेश्वर बंजारे से हुई थी. पुलिस की पूछताछ में अजय ने बताया कि उसने लोकेश्वर को एक माह पहले 3000 रुपये उधार दिए थे. जब उसके पास पैसे खत्म हो गए तो वह खुर्सीपार आया और लोकेश्वर से अपने पैसे मांगे. लेकिन लोकेश्वर उसे “आज दूंगा-कल दूंगा” कहकर टाल रहा था. इसके बाद 6 दिसंबर को अजय शराब लेकर आया और लोकेश्वर को शराब पिलाई, लेकिन खुद नहीं पी. फिर वह लोकेश्वर को अवंती भवन के पीछे नहर किनारे ले गया और दोबारा अपने पैसे मांगे. इस पर लोकेश्वर ने उसे गाली-गलौज करते हुए पैसे देने से मना कर दिया. गुस्से में आकर अजय यादव ने वहीं पड़े पत्थर को लोकेश्वर के सिर में पटककर उसकी हत्या कर दी.
कार्रवाई में निरीक्षक अंबर सिंह भारद्वाज (प्रभारी थाना खुर्सीपार), सउनि यशवंत श्रीवास्तव, प्र.आर. रोहित यादव, आरक्षक सुभाष यादव, शैलेन्द्र यादव, चुमुक सिन्हा, हर्ष देवांगन, तेजप्रकाश साहू, पंकज सिंह एवं चंद्रभान चौहान (थाना खुर्सीपार) की महत्वपूर्ण भूमिका रही.