
छत्तीसगढ़ जन संघर्ष मोर्चा ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से तत्काल रोक लगाने की मांग
अंबिकापुर – हसदेव अरण्य में अडानी के एमडीओ वाले परसा कोल ब्लॉक के लिए पेड़ों की कटाई शुरु हो गई है. जंगल को बचाने पहुंचे आदिवासियों पर पुलिसकर्मियों लाठीचार्ज कर दिए. हमला से ग्रामीण और पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. मामले को लेकर छत्तीसगढ़ जन संघर्ष मोर्चा ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से हसदेव अरण्य में हो रहे पेड़ों की कटाई और लाठीचार्ज जैसे कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है.
मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान कोल ब्लॉक के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है. इसी दौरान ग्रामीणों ने इसका विरोध किया. इसी बीच ग्रामीणों और पुलिस के बीच तनावपूर्व हो गया. ग्रामीणों ने पुलिस पर तीर के साथ पत्थर और डंडे से हमला कर दिया. जिससे 4 पुलिसकर्मी घायल हो गए. वहीं पुलिस के हमले से ग्रामीण भी जख्मी हो गया. घायल पुलिसकर्मी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सूचना के बाद मौके पर ASP समेत करीब भारी मात्रा में पुलिस बल परसा ग्राम के जंगलों तैनात हो गए हैं.
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गौरतलब है कि हसदेव अरण्य की तीन खदानें परसा ईस्ट केते बासन, परसा और केते एक्सटेंशन राजस्थान सरकार को आवंटित हैं. जिन्हें राजस्थान सरकार ने एमडीओ के तहत अडानी समूह को दे दिया है. इस खदान से निकलने वाले कोयले के एक बड़े हिस्से का उपयोग, अडानी समूह अपने बिजली संयंत्रों के लिए करता है.
छत्तीसगढ़ जन संघर्ष मोर्चा ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से तत्काल रोक लगाने की मांग
छत्तीसगढ़ जन संघर्ष मोर्चा ने ज्ञापन में लिखा हसदेव आरण्य का पूरा क्षेत्र “नो गो” यानी जैवविविध आरक्षित क्षेत्र के रूप मे चिन्हित किया गाया था जिसमें किसी भी प्रकार का प्लांट या माइंस नहीं खुल सकता था. इसके बावजूद केंद्र और राज्य सरकार ने उस इलाके में माइंस की स्वीकृति दे दिया है, जिसके विरोध में वहां निवासरत आदिवासी 10 वर्षो से अधिक समय से “हसदेव अरण्य बचाव संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलनरत है। पिछली सरकार के दौरान पूरी छत्तीसगढ विधान सभा ने पार्टी से परे होकर तथा सर्व सम्मति से वहा खनन नही करने का प्रस्ताव पारित किया था। हसदेव अरण्य बचाव संघर्ष समिति को देशभर के आंदोलनों और देशप्रेमी, पर्यावरण प्रेमियों का समर्थन होने के बाद भी डबल इंजन सरकार जन भावनाओं तथा प्राकृतिक सम्पदा के विनाश करने पर आमादा है। विगत कई वर्षों से ” हसदेव आरण्य बचाव संघर्ष समिति, ” ने कई तथ्यात्मक जांच और रिपोर्ट जारी कर बताया है कि हसदेव आरण्य के काटे जाने पर किन किन समस्याओं से जूझना पड़ेगा। इन परिस्थितियों में यह कहा जा सकता है कि सभी सरकारों ने जनता की आवाजों को दबाकर सिर्फ कॉरपोरेट घरानों और खास कर गौतम अदानी को फायदा पहुंचाने के लिए ही ऐसे दमनात्मक कार्यवाही को अंजाम दे रहे है। जिसे तत्काल रोका जाए। अन्यथा छत्तीसगढ़ स्तर और देश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा.