
पटना- छपरा में जहरीली शराब पीने से लोगों की तबियत खराब होनी शुरू हुई और अब तक 30 लोगों के मरने की सूचना है. इसको लेकर जब विधानसभा में भाजपा नेता ने सवाल किया, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुरी तरह से बिफर गए. नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री ने कहा है कि लोग शराब पीना छोड़ देंगे, तो सबसे बढ़िया होगा. बिहार सरकार में उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने बुधवार को हाजीपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. बावजूद इसके लोग गलत तरीके से इसे बिहार में भेज रहे हैं. बिहार में शराब के नाम पर सिर्फ जहर ही आ रहा है. कोई एक नंबर का दारू नहीं आ रहा है. शराब स्लो प्वाइजनिंग की तरह लोगों के शरीर को खोखला कर रहा है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि विपक्ष को जनता के मुद्दे को उठाना चाहिए था पर उन्होंने केवल हंगामा किया. हम हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं. जो लोग आज शराब की बात कर रहे हैं उन्होंने भी तो शपथ लिया था. इतने साल सत्ता में रहने के बाद याद आया कि लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं. मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है, छावनी बना सदर अस्पताल लोगों की माने तो मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है. जहरीली शराब की भनक प्रशासन को लगते ही सदर अस्पताल छावनी में तब्दील हो गया. देर रात तक पुलिसकर्मी और प्रशासनिक पदाधिकारी भाग-दौड़ करते देखे गए. हालांकि, जहरीली शराब के सेवन पर कुछ भी बोलने से कतराते रहे हैं.
यह घटना के बाद गांव में चीख-पुकार मच गई. मढौरा DSP ने मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन में लगे हुए हैं. पुलिस और अन्य पदाधिकारी इलाके में जाकर अन्य बीमार लोगों की तलाश कर रहे हैं. विपक्षी बीजेपी कल जहरीली शराब मामले छपरा जाएगी. इनमें अमित रंजन के उपचार चलने की सूचना के बाद जिला पुलिस बल छपरा सदर अस्पताल पहुंचा. वहां उपचार के क्रम में अमित रंजन की मौत के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है, इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बताया कि शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा. ताकि मौत का कारण पता चल सके.
छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों पर केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा कि ये बिहार का दुर्भाग्य है. बिहार में जब से शराब नीति चली है तब से कई हजार लोग मर गए. मगर मुख्यमंत्री की संवेदना नहीं जगती और जब सदन में कोई इसको उठाता है तो उससे ऐसा व्यवहार करते हैं जो कोई उम्मीद नहीं करता.