कल भारत बंद: अजा-अजजा संयुक्त संघर्ष मोर्चा राजनांदगांव ने दिया समर्थन
राजनांदगांव – अनुसूचित जाति, जनजाति के आरक्षण के मामले, क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरोध में देश भर के विभिन्न संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है. अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने भारत बंद का समर्थन करते हुए इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने का ऐलान किया है. अनुसूचित जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक डॉ.के.एल. टांडेकर ने उक्त जानकारी पत्रकार वार्ता में बताया कि जिले के समस्त अनु.जाति, अनु. जनजाति समुदाय देशव्यापी भारत बंद का समर्थन करते हुए 21 अगस्त को राजनांदगांव बंद का आयोजन करेगा. जिसमें हजारो की संख्या में आंदोलनकारी शामिल हो रहे है. सर्वोच्च न्यायालय के 01 अगस्त के आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले के विरोध में अनु. जाति, जनजाति के समुदायों में घोर असंतोष एवं आक्रोश है.
इन वर्गों ने न्यायालय के फैसले को असंवैधानिक बताया तथा प्रेस का बताया कि न्यायालय का फैसला सामाजिक असमानता को बढ़ाने वाला है. समाज का मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने अनु. जाति एवं आदिवासी वर्गों में उपवर्गीकरण तथा क्रीमीलेयर की अवधारणा लाकर आरक्षण को खत्म करने की दूरगामी पहल की है. सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले को लेकर अनुसूचित जाति वर्ग एवं आदिवासी समाज में भारी असंतोष और विरोध है. इस फैसले के विरोध में स्थानीय स्तर पर आदिवासी समाज एवं अनुसूचित जाति वर्ग के लोग सड़कों पर उतर कर रैली सभा एवं राष्ट्रीय स्तर के बंद को सफल बनाने संविधान के दायरे में रहकर पुरजोर विरोध करेगें. सर्वोच्च न्यायालय के आरक्षण विरोधी फैसलें को कानून बनाकर अथवा अध्यादेश लाकर वापस लेने सरकार पर दबाव बनाने 21 अगस्त को भारत बंद का स्थानीय अनु.जाति, जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति राजनांदगांव ने समर्थन किया है.
अनुसूचित जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक डॉ.के.एल. टांडेकर ने नगर के व्यवसायी, उद्योगपति, समाजसेवी से अनुरोध किया गया कि वे अपने प्रतिष्ठान1 दिन के लिये बंद कर सहयोग करें.