सड़क पर मवेशी, हादसे ही हादसे
दुर्ग- छत्तीसगढ़ प्रदेश में बड़े पैमाने पर सड़कों में खुलेआम आवारा पशु विचरण और इस कारण आये दिन हो रहे सड़क हादसों से संबधित मामला अब छत्तीसगढ़ उच्चन्यायलय भी पहुंच गया है. इस संबंध में एक याचिका पर माननीय उच्चन्यायलय द्वारा शासन को नोटिस भी जारी हो चुका है. अभी 5 अगस्त को दुर्ग जिले के अंजोरा में सुबह-सुबह किसी अज्ञात वाहन द्वारा ठोकर मारने से 9 मवेशियों की मौत हो गई और कुछ मवेशी घायल हो गये. इससे पहले 7 जुलाई को बालौदाबाजार- भाटापारा जिले के तिल्दा ब्लाक में सड़क हादसे से 15 गायों की मौत हो गई थी. यहां भी दुर्घटना करने वाला वाहन अज्ञात है. इस प्रकार इस वर्ष जनवरी से अबतक लगभग 75 हादसे हो चुके हैं. गांव से लेकर शहर तक हर गली, चौंक चौराहों तथा राजमार्गों पर भी जहां-तहां बैठे या घुमते हुए पशुओं का समूह दिखाई पड़ता है और इसकी वजह से हो रही तमाम दुर्घटनाओं में सैकड़ों पशु और वाहन चालक मृत्यु के शिकार हो चुके है. पूरे प्रदेश में सड़क दुर्घटनाएं तेजी से बढ़ी है. मालवाहक वाहनों में मजदूरों को भरकर ले जाते समय भी कई बड़ी दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें भारी जनहानि भी हो चुकी है. बालोद जिले के डौंडीलोहारा और कर्वधा क्षेत्र में दर्जनों मजदूर वाहन पलटने से मारे गये. विभिन्न क्षेत्रों में टैक्टर एवं छोटे मालवाहकों में मजदूरों, बारातियों और मेला दर्शकों को भरकर ले जाते समय दुर्घटनाएं हुई है. किंतु शासन-प्रशासन की ओर से ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सार्थक पहल नहीं किये जाने से ऐसे हादसों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है.
ज्ञात हो कि प्रदेश और राष्ट्रीय राजमार्गो पर यात्रियों से मनमानी टोल टैक्स वसूली बेखौफ जारी है. यदि किसी को राजनांदगांव से बिलासपुर तक की यात्रा अपने वाहन से करना है तो उसे 5 जगह टोल टैक्स देना पड़ेगा. यहां तक कि नांदगांव से राजधानी रायपुर के बीच 70 किमी की दूरी में ही 3 टोल टैक्स नाके हैं. जहां टैक्स वसूली तो होती है लेकिन सड़क का कोई माई बाप नहीं है. दुर्ग रायपुर के बीच अभी नये-नये बनाये गये फ्लाई ओव्हरों में गड्ढे ही गड्ढे हो गये है. यहां भी दुर्घटनाएं बढ़ी है और सड़क से लेकर फ्लाई ओव्हर तक खुलेआम आवारा पशु विचरण कर रहे है. इस ओर संबंधित अधिकारियों और यातायात विभाग की लापरवाही स्पष्ट देखी जा सकती है. सरकार को चाहिए की इस विषय में कार्ययोजना बनाकर इसे क्रियानवित करें. अन्यथा सड़क दुर्घटनाओं में आये दिन जान-माल की क्षति इसी प्रकार बदस्तूर जारी रहेगी जिसकी कल्पना भी भयावह है.