
बीजापुर का हाथीझूल एवं जापान का मियाजाकी आम बने आकर्षण का केन्द्र
रायपुर– इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, छत्तीसगढ़ शासन तथा प्रकृति की ओर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को कृषि महाविद्यालय परिसर रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय आम महोत्सव का शुभारंभ हुआ. छत्तीसगढ़ के कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग, आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग मंत्री रामविचार नेताम ने तीन दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव का शुभारंभ किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने की. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में धरसींवा विधायक अनुज शर्मा, मोतीलाल साहू, विधायक, रायपुर ग्रामीण एवं संचालक उद्यानिकी एस. जगदीशन उपस्थित थे.
आम महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मिट्टी और जलवायु सभी प्रकार की फसलों के उत्पादन के लिए उपयुक्त है. यहां अनाज, दलहन, तिलहन, फल, फूल, मसाले तथा औषधीय फसलों की खेती आसानी से की जा सकती है. आज प्रदेश में बहुत से किसान परंपरागत फसलों की बजाय उद्यानिकी, औषधीय एवं मसाला फसलों की खेती के आगे आ रहे हैं, उन्हें राज्य सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है. श्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में किसान आम की खेती कर रहे हैं. आम महोत्सव में आकर पता चला कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में विविध प्रकार के आमों का उत्पादन हो रहा है, जिनमें दशहरी, लंगड़ा, हापुस, केशर, नीलम, चौसा, नूरजहां, हिमसागर जैसी उन्नत किस्मों के साथ ही आम की बहुत सी देशी किस्में तथा मियाजाकी, थाई बनाना, रैड पामर जैसी विदेशी किस्में भी आसानी से उगाई जा रहीं है. श्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जापान से आयातित मियाजाकी किस्म का उत्पादन भी हो रहा है जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत ढ़ाई लाख रूपये प्रति किलो है. उन्होंने विशेष रूप से बीजापुर की मूल किस्म हाथीझूल की तारीफ करते हुए कहा कि आम की इस किस्म का एक फल तीन से चार किलो वजन का होता है. उन्होंने संचालक उद्यानिकी को निर्देश दिये कि हाथीझूल किस्म को बीजापुर के अलावा अन्य जिलों में विस्तारित करें तथा इसके उत्पादन को बढ़ावा दें. समारोह को अनुज शर्मा विधायक धरसींवा तथा मोतीलाल साहू विधायक रायपुर ग्रामीण ने भी संबोधित किया.
समारोह की अध्यक्षता करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव में छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों की 327 किस्मों के आमों का प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके साथ ही कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों तथा छात्रों द्वारा निर्मित आम के 56 व्यंजनों का प्रदर्शन भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आम महोत्सव के दौरान आम के उत्पादन की उन्नत तकनीक तथा आम उत्पादन में आने वाली समस्याओं के निराकरण हेतु कृषक पाठशाला का आयोजन भी किया जा रहा है. समारोह में छत्तीगसढ़ के विभिन्न जिलों में आम का उत्पादन करने वाले प्रगतिशील कृषकों – बजरंग केडिया बिलासपुर, दीपक पाण्डेय बागबाहरा, आत्मबोध अग्रवाल रायपुर, डॉ. नारायण भाई चावड़ा दुर्ग, गुप्ता अम्बिकापुर और अखिल जैन खैरागढ़ को सम्मानित किया गया. समारोह में लखनऊ प्रशिद्ध आम उत्पादक कृषक राजकुमार गुप्ता को भी सम्मानित किया गया. इस अवसर पर अतिथियों ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित आम उत्पादन एवं परिरक्षण नामक पुस्तिका तथा विश्वविद्यालय न्यूज लेटर ‘‘आई.जी.के.वी. वार्ता’’ का विमोचन भी किया.
राष्ट्रीय आम महोत्सव में आम की 325 से अधिक किस्मों एवं आम से बने 56 व्यंजनों का प्रदर्शन किया जा रही है. इस कार्यक्रम में आम की विभिन्न किस्मों की प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है जिसमें छत्तीसगढ़ एवं देश के विभिन्न राज्यों के आम उत्पादक शामिल हुए हैं. अवसर पर आम से बने विभिन्न व्यंजनों की प्रतियोगिता भी आयोजित की गई है. इसके अतिरिक्त आम की सजावट प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है इस प्रतियोगिता में प्रवेश पूर्णतया निःशुल्क है. सामान्यजनों के लिए प्रदर्शनी दोपहर 12 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुली रहेगी.
इस प्रदर्शनी में आम की विभिन्न किस्मों के फल, आम के विभिन्न उत्पाद एवं आम के पौधे भी सामान्यजनों हेतु विक्रय के लिए उपलब्ध हैं. आयोजन के द्वितीय दिवस आम उगाने वाले कृषकों एवं जिज्ञासुओं के लिए 13 जून को 12 बजे से 4 बजे तक तकनीकी मार्गदर्शन एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ में उच्च गुणवत्ता के आम की विभिन्न किस्मों का उत्पादन, आम के विभिन्न उत्पाद एवं उनके विपणन के साथ ही आम उत्पादन हेतु छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं की भी जानकारी प्रदान की जायेगी, जिससे नयी पीढ़ी के लोग आम उत्पादन की ओर बढ़ सके. आम उत्पादन को पर्यावरण के संरक्षण के साथ एक स्वास्थ्यवर्धक व्यवसाय के रूप में अपनाने की जानकारी आम लोगों को प्रदान की जा जाएगी. राष्ट्रीय आम महोत्सव के अंतिम दिन प्रदर्शनी के अवलोकन के साथ ही प्रतिभागियों के लिए पुरस्कार वितरण एवं सम्मान समारोह का आयोजन भी किया जायेगा.