
नारायणपुर : राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा नक्सलवाद के खात्मे के लिए पुनर्वास योजना चलाई जा रही है, जिसका लाभ उठा कर कई नक्सली संगठन से जुड़े माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा से जुड़कर अपने भविष्य को संवारा है. कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है कमलू नूरेटी उर्फ नवीन ने, जिन्होंने हथियार छोड़ कानून के रास्ते पर चलना चुना.
कभी नक्सली कमांडर रहे नवीन के खौफ की गूंज नारायणपुर सहित पूरे बस्तर संभाग में थी. लेकिन नक्सल संगठन से अपना नाता तोड़ सरकार की पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर 2013 में नवीन ने आत्मसर्पण किया और पुलिस फोर्स का हिस्सा बनकर नक्सल विचार धारा के विपरित कार्य करते हुए पुलिस पार्टी को लगातार कई उपलब्धियां दिलाई.
जिसका ही परिणाम रहा है कि पहले कमलू नूरेटी उर्फ नवीन को क्रमिक पदोन्नति कर सिपाही से आरक्षक बनाया गया और आज एएसपी निखिल रखेजा, एएसपी हेम सागर सिदार व डीएसपी प्रशांत देवांगन की उपस्थिति में जिला पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा द्वारा प्रधान आरक्षक के तमगे से नवाजा गया है.
कमलू नूरेटी को वर्ष 2018 में ग्राम गुमियाबेड़ा पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल रहकर नक्सलियों के खिलाफ लोहा लेने के लिए पदोन्नति दी गई है. पदोन्नत प्रधान आरक्षक, पूर्व में नक्सल संघटन में डीवीसी मेंबर, एलओएस कमांडर एवं अन्य पद पर कार्यरत रहा है.