
सुपोषण का संदेश जन-जन तक पहुंचाया
राजनांदगांव – भारत सरकार की योजनाओं से नागरिकों को जागरूक करने एवं शासन की लोकहितैषी योजनाओं से लाभान्वित करने के उद्देश्य से विकसित भारत संकल्प यात्रा की मोबाईल वैन आज राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम सांकरा पहुंची. महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत बच्चों के लिए सुपोषण किट एवं गोद भराई कार्यक्रम अंतर्गत गर्भवती माताओं को सुपोषण किट प्रदान किया. नन्हे बच्चों का अन्नप्राशन किया गया. सुपोषण अभियान अंतर्गत हरी पत्तीदार सब्जियों का महत्व बताया गया. भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने के लिए सभी को प्रोत्साहित किया गया. पौष्टिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन ठेठरी, खुर्मी, सोहारी, सलोनी, भजिया, नारियल लड्डू, रेडी टू इट का हलवा स्टॉल में प्रदर्शित किया गया एवं आहार में सलाद लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया. सुपोषण कलश के माध्यम से पौष्टिक आहार लेने के लिए सभी को जागरूक किया गया. विभिन्न तरह की दाल को सजाकर सुपोषण का संदेश जन-जन तक पहुंचाया गया. इस दौरान ग्राम पंचायत सांकरा को ओडीएफ प्लस के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया.
मोबाईल वैन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश का वाचन हुआ. चलचित्र के माध्यम से विकसित भारत के उद्देश्य की जानकारी दी गई. केन्द्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों ने ‘मेरी कहानी मेरी जुबानी पहल के तहत अपने अनुभव साझा किए. कार्यक्रम में केन्द्र शासन की योजनाओं से संबंधित क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस अवसर पर अतिथियों एवं ग्रामीणों ने विभिन्न विभागों द्वारा योजनाओं की जानकारी देने के लिए लगाए गए स्टॉल का अवलोकन किया. विभागों द्वारा स्टॉल के माध्यम से जनसामान्य को विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई. कार्यक्रम में कृषि विभाग द्वारा खेतों में ड्रोन से नैनो यूरिया के छिड़काव का प्रदर्शन किया गया एवं जानकारी प्रदान की गई.
इस अवसर पर केन्द्र शासन की योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रदान की गई. ग्रामवासियों को मिनी लैब द्वारा मिट्टी परीक्षण के संबंध में बताया गया. इसके अंतर्गत मिट्टी अम्लीय है अथवा क्षारीय यह इनकी जांच की जाती है तथा मृदा में उपलब्ध पोषक तत्वों की मात्रा का परीक्षण कर स्वाईल हेल्थ कार्ड बनाया जा रहा है, ताकि जमीन स्वस्थ रहे और जमीन की उर्वर क्षमता में वृद्धि हो. प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत माताओं को परिवार में पहले जीवित बच्चे के लिए 5 हजार रूपए की राशि दो किस्तों में एवं द्वितीय संतान बालिका होने पर एक मुस्त 6 हजार रूपए की राशि प्रदान की जाती है. लीड बैंक के प्रतिनिधि द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, पशु चिकित्सा विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई. साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनांतर्गत हितग्राहियों को सामग्री वितरण भी किया गया.
कृषि विभाग के स्टॉल में मिनी लैब द्वारा मिट्टी परीक्षण किया गया. किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. प्रधानमंंत्री फसल बीमा योजना खरीफ एवं रबी की जानकारी दी गई. उद्यानिकी विभाग के स्टॉल में शेडनेट हाऊस, राष्ट्रीय बागवानी मिशन अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में किसानों को बताया गया. पशु पालन विभाग के स्टॉल में कृत्रिम गर्भाधान एवं पशुओं की देखरेख के लिए बताया गया. उद्योग विभाग के स्टॉल में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा के संबंध में जानकारी दी गई. आयुर्वेद विभाग के स्टॉल में मरीजों को नि:शुल्क दवाईयों का वितरण किया गया. हृदय रोग की रोकथाम, स्वस्थ जीवन हेतु संतुलित आहार के संबंध में जानकारी दी गई. स्वास्थ्य विभाग के स्टॉल में मरीजों की सिकलिन जांच, टीबी, स्क्रीनिंग, शुगर जांच, ब्लड प्रेशर जांच, रक्त परीक्षण किया गया तथा उन्हें नि:शुल्क दवाईयों का वितरण किया गया. इस अवसर पर सरपंच श्रीमती रवीना टंडन एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे.
केन्द्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों ने मेरी कहानी मेरी जुबानी के तहत अपने अनुभव किए साझा-
केन्द्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों ने ‘मेरी कहानी मेरी जुबानी पहल के तहत अपने अनुभव साझा किए. पूर्णिमा निषाद ने बताया कि वे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी हैं और विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से जुड़कर उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनी है. उन्होंने बताया कि उन्हें और उनकी बेटी को टीबी की बीमारी हो गई थी. आयुष्मान कार्ड से नि:शुल्क ईलाज हुआ और वे दोनों स्वस्थ है. उन्होंने बताया कि उनके बेटे को भी टीबी की बीमारी हो गई है और वे उसका ईलाज करा रही है.
मुकेश राम साहू ने बताया कि स्वाईल हेल्थ कार्ड से वे लाभान्वित हुए हैं और उन्होंने अपने खेतों में मृदा का परीक्षण कराया है. यह बहुत अच्छी योजना है. इसके माध्यम से भूमि की उर्वरकता के बारे में जानकारी मिली और उनके अनुसार आवश्यक उर्वरक दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक तरीके से स्वाईल हेल्थ कार्ड के माध्यम से प्राप्त जानकारी अनुसार खेती करने में उनके उपज में वृद्धि हुई है. पुष्पा यादव ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत पानी का कनेक्शन मिलने के कारण बहुत सुविधा हुई है. पहले पानी लेने के लिए दूर जाना पड़ता था. सुधा गुप्ता ने बताया कि पहले चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी इकट्ठा करना पड़ता था और धुआं होता था, जिसके कारण स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा था. लेकिन अब प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना अंतर्गत गैस चूल्हा मिलने पर भोजन बनाने में बहुत सुविधा मिली है.