
हरे रंग की नाशपती खाने में जितनी स्वादिष्ट और मीठी होती है, उतने ही इसके फायदे भी हैं. नाशपती आपकी कब्ज की समस्या को दूर करने में काफी मददगार साबित हो सकती है. आपकी लोकल मार्केट में आसानी से मिलने वाली नाशपाती एक पौष्टिक फल है, जो कई महत्वपूर्ण विटामिन, खनिज और आहारीय फाइबर का स्रोत भी है. यह न सिर्फ आपके पाचन को दुरूस्त रखती है, बल्कि लंबे समय से चली आ रही कब्ज की समस्या से भी राहत दिलाती है.
नाशपाती में विटामिन सी होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है और यह इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जाना जाता है. साथ ही कोलेजन को बनने में भी मदद करता है. नाशपाती विटामिन K प्रदान करती है, जो रक्त के थक्के जमने और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. नाशपाती में पोटेशियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. नाशपाती में थोड़ी मात्रा में विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन), बी3 (नियासिन), बी6 (पाइरिडोक्सिन), और ई, साथ ही मैग्नीशियम और मैंगनीज जैसे खनिज भी होते हैं.
- नाशपाती आहार फाइबर, विशेष रूप से घुलनशील फाइबर का एक अच्छा स्रोत है. फाइबर मल में बल्क जोड़ता है और नियमित मल त्याग को बढ़ावा देकर कब्ज को रोकने और राहत देने में मदद करता है. यह पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायता करता है.
- नाशपाती में पेक्टिन जैसे प्रीबायोटिक फाइबर होते हैं, जो अच्छे गट बैक्टीरिया के लिए भोजन स्रोत के रूप में कार्य करते हैं. ये बैक्टीरिया आंत माइक्रोबायोटा में एक स्वस्थ संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं, जो पाचन और समग्र आंत स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
- नाशपाती में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट, जिसमें फ्लेवोनोइड्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स शामिल हैं, इनमें सूजन को कम करने वाले गुण होते है. नाशपाती का सेवन पाचन तंत्र में सूजन को कम करने, गैस्ट्रिटिस या आंत्र में सूडन जैसी स्थितियों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है.
- पारंपरिक रूप से नाशपाती का उपयोग गैस्ट्रिटिस और अल्सर सहित विभिन्न पाचन विकारों को शांत करने के लिए किया जाता है. उनके सौम्य और आसानी से पचने वाले स्वभाव के कारण उन्हें अक्सर “ब्लैंड डाइट” के हिस्से के रूप में खाने की सलाह दी जाती है.
- नाशपाती में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो हाइड्रेशन में योगदान कर सकती है और डिहाइड्रेशन से संबंधित पाचन समस्याओं जैसे शुष्क मल या सुस्त पाचन को रोकने में मदद कर सकती है.