
जानें क्यों किया जाता हैं चांवल को फोर्टिफाइड?
सुरगी- पं. शिव कुमार शास्त्री कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र सुरगी के चतुर्थ वर्ष के छात्रों ने ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम के अंतर्गत मोखला गांव में कुपोषण दूर करने वाले फोर्टीफाइड और बायो फोर्टीफाइड चांवल के बारे में जागरूकता लाने हेतु किसानों को जानकारी दी गई, छात्रों ने गली मोहल्ले एवं चौक-चौराहों पर उपस्थित किसानों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा मिलने वाले चांवल में उपस्थित फोर्टीफाइड चांवल से सबंधित जानकारी साझा की गई एवं प्लास्टिक चांवल से जुड़ी मिथ्य बातों को खंडन करके उनमें पाए जानें वाले मुख्यपोषक तत्व जैसे जिंक, फोलिक एसिड, विटामिन 12 के महत्व को संक्षिप्त पर व्याख्या करके समझाया क्योंकि गांवों में इन फोर्टिफाइड चांवल को खाना पकाते समय छांट कर अलग फेंक दिया जाता हैं जिससे भोजन से ऊर्जा तो मिल पाती हैं परंतु शरीर के निर्माणकारी, तत्वों की पूर्ति नहीं हो पाती हैं.
छात्रों ने अपनी जानकारी में दो तरह से पाए जानें वाले फोर्टीफाइड चांवल की जानकारी साझा करते हुए कहा कि
पहला फोर्टीफाइड चांवल जो चांवल के आटे और फोर्टिफिकेंट मिश्रण से बनी चांवल के आकार की कर्नेल (FRK) जिसे कस्टम मिल्ड चांवल के साथ 0.5 – 2% के अनुपात पर मिलाया जाता हैं,
दूसरा बायो- फोर्टीफाइड चांवल जिसके अंतर्गत पारंपरिक पादप प्रजनन विधि तथा आनुवंशिक इंजीनियरिंग से धान के फसलों में पोषक तत्व के मूल्य को बढ़ावा दिया जाता हैं जिसमें जिंको राइस और गोल्डन राइस शामिल हैं, छात्रों द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से विमोचित बायो फोर्टीफाइड चांवल को चार्ट के माध्यम से किसानों को चांवल के किस्मों को तथा उनके लाभों को समझाया गया.
कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कुछ निम्न किस्म हैं जैसे छ.ग. जिंक राइस-1, छ.ग. मधुराज-55, प्रोटाजिन, जिंक राइस एम.एस. जो मानव शरीर को प्रोटीन, जिंक, आयरन की पूर्ति करता हैं साथ ही साथ डायबिटीज रोगियों के लिए लाभदायक होता हैं, और लीफ ब्लाइट,नेक ब्लास्ट, शीथ ब्लाइट, तना छेदक वा टुंगरो वायरस हेतु सहिष्णुता होते हैं. यह जागरूकता भ्रमण कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ जयालक्ष्मी गांगुली के निर्देशन में और शस्य विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. विनम्रता जैन, सहायक प्राध्यापक डॉ द्विवेदी प्रसाद चौधरी के मार्गदर्शन में कृषि छात्र कुसुमलता, ललित, लिहर्ष, लोकेश्वरी, मनीषा, मिनल थावरे, मिनल सिंह, मुस्कान, मोहन, नीलू खांडे ने चलाया.
क्यों किया जाता हैं चांवल को फोर्टिफाइड?
चांवल की मिलिंग से उसकी वसा और सूक्ष्मपोषक तत्वों से भरपूर चोकर की परतों को हटा देता हैं, जिससे सामान्य रूप से अगर चांवल का सेवन किया जाए तो उससे केवल स्टार्च प्राप्त होता हैं, चांवल को पालिश करने से 70-90% विटामिन बी- 1, विटामिन बी-6, विटामिन ई और नियासिन नष्ट हो जाता हैं, चांवल को फोर्टिफाइड करने से मिलिंग और पालिशिंग के दौरान खोए हुए सूक्ष्मपोषक तत्व जैसे आयरन, जिंक, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12, और विटामिन ए जैसे अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों को जोड़ने का अवसर भी प्रदान करता हैं.