कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय के हिरासत में लिए जाने पर हुई बहस
Raipur. कोयला घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में मौजूद सूर्यकांत तिवारी को ईडी ने रिमांड अवधि समाप्त होने पर रायपुर कोर्ट में पेश किया है. इसी मसले में पहले से गिरफ्तार और न्यायिक हिरासत याने केंद्रीय जेल में बंद तीन अन्य अभियुक्तों जिनमें निलंबित IAS समीर बिश्नोई, कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकान्त तिवारी शामिल हैं वे भी अदालत में पेश हुए हैं.
कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर बचाव पक्ष आक्रामक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने पूटागोड़ी पुलिस – स्टेशन में दर्ज FIR में कार्यवाही करने से कर्नाटक पुलिस को रोक लगाई है. यह वही FIR है जिसके आधार पर ईडी ने PMLA के तहत मामला दर्ज किया और कार्यवाही शुरू की. कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक से ना केवल कर्नाटक पुलिस बल्कि ईडी की कार्यवाही आगे बढ़ने में संशय गहरा गया है. वस्तुतः ईडी को कार्यवाही के लिए राज्य अथवा केंद्र अधिशासित पुलिस द्वारा दर्ज FIR की जरुरत होती है. यदि उस मूल FIR पर रोक लगा जाए तो ईडी की आगे की कार्यवाही पर भी रुक जाती है. यही वह मसला है जहां बचाव पक्ष के अधिवक्ता पूरी आक्रामकता से ईडी की कार्यवाही पर ही प्रश्न उठा रहे हैं.
कोर्ट रुम में बहस जारी
कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को आधार लेकर कोर्ट रुम में बहस जारी है. खबरें हैं कि बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने इस मामले में न्यायिक हिरासत में मौजूद तीनों आरोपियों जिनमें निलंबित IAS समीर बिश्नोई, सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकान्त तिवारी की न्यायिक हिरासत याने जेल में रखे जाने को लेकर प्रश्न उठाया है. बचाव पक्ष ने सवाल उठाया है कि, जब मूल प्रकरण में कार्यवाही से रोक है तो प्रवर्तन निदेशालय को इस मामले में कार्यवाही का विधिक अधिकार नहीं है. ईडी के रिमांड पत्र के अनुसार कोयला घोटाला के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी के मसले पर अभी बहस बची है. सर्यकांत तिवारी को लेकर ईडी ने दो दिनों की रिमांड माँगी है.