
पारा चढ़ने के साथ बढ़ा हीट-स्ट्रोक का खतरा, स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को किया सचेत
रायपुर– ग्रीष्म ऋतु में तेज धूप और गर्म हवाओं का असर दिखने लगा है. पारा चढ़ने के साथ लू (Heat-Stroke) का भी खतरा बढ़ रहा है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से शरीर में पानी की कमी न होने देने की अपील की है. ज्यादा गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी या डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है. इसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है. आमतौर पर लोग इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते. स्वास्थ्य विभाग ने लू से बचाव और इसके प्रबंधन हेतु व्यापक जन-जागरूकता के लिए विस्तृत जानकारी प्रसारित की है.
लू के लक्षण
सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना, अधिक प्यास लगना, पेशाब कम आना, भूख न लगना और बेहोशी लू लगने के लक्षण हैं.
लू से बचाव के उपाय
लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज, मुख्यतः नमक की कमी होना है. इससे बचाव के लिए सावधानी रखना आवश्यक है. बहुत अनिवार्य न हो तो गर्मी में घर से बाहर न जाएं. धूप में निकलने से पहले सिर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें.
लू से बचने के लिए पानी अधिक मात्रा में पिएं. अधिक समय तक धूप में न रहें. गर्मियों में मुलायम सूती के कपड़े पहनना चाहिए ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहें. अधिक पसीना आने पर ओ.आर.एस. का घोल पिएं. चक्कर या मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करें. शीतल पेयजल, जूस, लस्सी, मठा इत्यादि का सेवन करें.
लू लगने पर यह करें
लू लगने पर प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निःशुल्क परामर्श ले सकते हैं. उल्टी, सिरदर्द या तेज बुखार होने पर नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर जरूरी सलाह लें.
बुखार पीड़ित व्यक्ति के सिर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाएं. अधिक पानी व पेय पदार्थ जैसे कच्चे आम का पना, जलजीरा इत्यादि पिलाएं. पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लिटाएं. शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहें. पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी डॉक्टर या अस्पताल में इलाज के लिए लेकर जाएं. मितानिन या ए.एन.एम. से ओ.आर.एस. के पैकेट के लिए संपर्क करें.