
भिलाई- पेट में संक्रमण को आमतौर पर लोग गंभीरता से नहीं लेते. इसके लक्षण आते जाते रहते हैं और रोग दबे पांव बढ़ता चला जाता है. पेट की तकलीफ में एक आम कारण एच-पाइलरी का संक्रमण है. हालांकि इससे कैंसर होने की संभावना बहुत कम होती है पर यह MALT लिंफोमा का कारण बन सकता है. इसलिए एंडोस्कोपिक जांच जरूरी हो जाता है.
उक्त बातें मित्तल हॉस्पिटल भिलाई की गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ नादिया के भाटिया ने कहीं. उन्होंने कहा कि पेट दर्द, अपच और पेट साफ न होने की शिकायत के साथ एक अधेड़ व्यक्ति अस्पताल पहुंचा. उसे यह तकलीफ पिछले 3-4 साल से थी. कभी गैस तो कभी एसिडिटी जैसी समस्या उसे परेशान करती थी. यह निश्चित हो जाने के बाद कि रोगी को पेट का संक्रमण है, एंडोस्कोपी द्वारा अपर जीआई ट्रैक्ट (भोजन नली, पेट और छोटी आंत का पहला भाग ड्यूडेनम) की जांच की गई.
अच्छी बात यह थी कि लंबे समय से एसिडिटी की समस्या से भुगतने के बावजूद उनका अपर जीआई ट्रैक्ट सुरक्षित था. लंबे समय तक एसिडिटी का बने रहना गैस्ट्रिक या जूजेनल अल्सर का कारण बन सकता है. इसकी वजह से अपर जीआई ट्रैक्ट में घाव बन सकते हैं, रक्तस्राव हो सकता है, आमाशय या आंतों की दीवारों में छेद हो सकता है. यह MALT lymphoma का भी कारण बन सकता है. पैथोलॉजी जांच में एच-पाइलरी संक्रमण की पुष्टि हो गयी. रोगी का औषधीय इलाज प्रारंभ कर दिया गया है. रोग को पूरी तरह ठीक होने में वक्त लग सकता है. तब तक उसे दवा पर ही रहना होगा.