
रायपुर : चंदखुरी में आयोजित तीन दिवसीय माता कौशल्या महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के प्रख्यात कलाकरों ने प्रस्तुति दी एवं माता कौशल्या मंदिर को भव्य रूप देने और कौशल्या महोत्सव के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तारीफ की. महोत्सव के समापन समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए. उन्होंने कहा कि राम वनगमन पर्यटन परिपथ के निर्माण, विकास और सुंदरीकरण का कार्य किया जा रहा है. प्रदेश के सबसे बड़े तीर्थ स्थल राजीवलोचन का विकास किए हैं, जो आम जनता के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
पूरे देश में छत्तीसगढ़ इकलौता राज्य है जो मानस गान का आयोजन करता है. रामायण मंडलियों को सम्मान राशि भी दी जा रही है. इससे पहले मुख्यमंत्री ने माता कौशल्या मंदिर में पूजा-अर्चना की और देश-प्रदेश के लिए सुख-समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मांगा. माता कौशल्या मंदिर परिसर में उद्यान के सामने 10 गुमटियां बनीं है. मुख्यमंत्री ने प्रतीक के रूप में एक हितग्राही को गुमटी की चाबी सौंपी. मुख्यमंत्री ने परिसर में नौ करोड़ 88 लाख रूपये की लागत से तैयार वाटर, लेजर, लाइट और साउंट शो का भी शुभारंभ किया. चंद्रखुरी में मुख्यमंत्री के साथ गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया तथा गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास उपस्थित थे.
गौरतलब है कि माता कौशल्या महोत्सव को इस वर्ष महिला सशक्तिकरण की थीम पर मनाया गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माता कौशल्या महोत्सव के समापन अवसर पर मंदिर परिसर में स्थित पर्यटन विभाग द्वारा तैयार टूरिज्म कैफे का भी उद्घाटन किया. कैफे के शुरू होने से श्रद्धालुओं को छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा और पर्यटक भी छत्तीसगढ़ी व्यंजनों से रूबरू हो सकेंगे.
स्टालों में दिखी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार लगातार काम कर कर रही है. मेला, उत्सवों एवं अन्य प्रदर्शनी आदि कार्यक्रमों के अवसर पर महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं के विक्रय एवं प्रचार-प्रसार हेतु बाजार भी उपलब्ध कराया जा रहा है. माता कौशल्या महोत्सव के मौके पर भी महिला स्व-सहायता द्वारा उत्पादित वस्तुओं को विक्रय के लिए विशेष तौर पर नौ स्टाल तैयार किए गए थे. महिलाओं द्वारा संचालित इन स्टालों में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक देखने को मिली.
पद्मश्री कैलाश खेर ने की प्रशंसा
मशहूर गायक पद्मश्री कैलाश खेर ने माता कौशल्या मंदिर को भव्य रूप देने और कौशल्या महोत्सव के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि श्रीराम और माता कौशल्या की दिव्यता को वैश्विक पहचान मिली है. छतीसगढ़ अब भगवान राम के ननिहाल के रूप में जाना जा रहा है. देश ही नहीं विश्व में माता कौशल्या का एक मात्र मंदिर है. छतीसगढ़ की धरा और लोग धन्य हैं, जिन्हें माता कौशल्या और भगवान राम दोनों का आशीर्वाद एकसाथ मिला.