
बैंक खातों में करोड़ों रुपये फ्रीज होने पर बौखलाया
पेमेंट मोड का सोर्स चेंज, क्यूआर कोड जनरेट कर सीधे वॉलेट में लायेंगे रकम, ट्रांजेक्शन मोड को शिफ्ट करने के पहले सटोरियों का निजी वॉलेट भी डेवलप
बिलासपुर में पकड़ाए पैनलिस्टों से हो रहे नये नये खुलासे, पूछताछ जारी भिलाई नगर, 6 अक्टूबर दुर्ग जिले से प्रारंभ कर लगभग दो दर्जन से अधिक देशों तक आनलाईन बेटिंग का कारोबार पहुंचाने वाले महादेव और रेड्डी अन्ना ऐप के दोनों सट्टा किंग को लगातार कार्रवाई से जिला पुलिस ने कमर तोड़ दी है. एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के निर्देश के बाद 20 दिन के भीतर लगभग पौने दो सौ से ज्यादा लोगों पर कार्रवाई होने तथा जगदलपुर और बिलासपुर सहित मध्यप्रदेश के पैनल कंट्रोल सेंटर्स को ध्वस्त किए जाने से सटोरियों को बड़ा और तगड़ा झटका दुर्ग पुलिस से लगा है.
दुर्ग पुलिस की कार्रवाई में बैंक खातों से सटोरियों के करोड़ों रुपये के लेन देन का खुलासा अब तक हो चुका है. वहीं अनेक खाते फ्रीज किए जाने से बड़ा नुकसान भी सीधे तौर पर महादेव ऐप संचालकों को हुआ है नतीजतन जिला पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई से बौखला कर आनलाईन बेटिंग ऐप संचालकों ने पेमेंट मोड का सोर्स बदल दिया है. जानकारी मिली है कि सटोरियों ने ऑनलाइन सट्टा से मिलने वाली मोटी रकम के लिए क्यूआर कोड जनरेट करवा लिया है और इनके द्वारा फिशिंग की न्यू लिंक भी लगातार जनरेट करवाई जाने लगी है. इस नये पैतरों से सट्टा में लगा रुपया किन बैंक खातों में जा रहा है, इसका पता लगाना काफी मुश्किल हो जाएगा क्योंकि इससे फिशिंग लिंक पर जिस एकाउंट होल्डर का नाम दिखेगा, वो फर्जी होगा और रुपया किसी और के खाते में जमा होगा.
सट्टा किंग का यह नया पैंतरा सटोरियों से जब्त खातों पर पुलिस के अंकुश को रोकने के लिए कितना कारगर होगा, यह समय ही बताएगा. फिलहाल पुलिस आइडेंटीफाई होने पर बैंक खातों को ब्लाक और ट्रांजेक्शन को होल्ड करवा देती है.
बिलासपुर से पकड़ कर लाए गए महादेव ऐप के पैनलिस्ट से पूछताछ और जब्त लैपटाप की जांच से पेमेंट को सिक्योर करने के लिए नए सिरे से फिशिंग लिंक का उपयोग किए जाने का पता लगा है. पुलिस सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि जांच में पता चला कि सट्टा किंग पेमेंट मोड को पूरी तरह बदल रहे है, इसके लिए सटोरियों ने क्यूआर कोड जनरेट कर लिया है. कोड को स्कैन करते ही पैसा सटोरियों से सीधे निजी वॉलेट में ट्रांसफर हो जाएगा. क्यूआर कोड की सटोरियों ने पिछले कुछ दिनों में टेस्टिंग भी कर ली है. क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट की प्रक्रिया शुरू होते ही ऑनलाइन वॉलेट और बैंक खातों का उपयोग पूरी तरह समाप्त हो जाएगा. ट्रांजेक्शन के लिए सिर्फ पैनल ऑपरेटर ही बैंक खातों का उपयोग करेंगे जिससे उनका कमीशन सीधे उनके खाते में जमा हो सके.
दुर्ग एसपी डॉ. पल्लव ने बताया कि जांच में पता चला है कि भिलाई के सटोरिए सौरभ और रवि ने अपने हिडन पार्टनर अतुल के जरिए नेटवर्क का विस्तार करने पैनल संचालित करने वालों का जिस देश में रिश्तेदार है, उन्हें उसी देश में शिफ्ट कर दिया है जबकि महानगरों में पैनल संचालित करने के लिए हाई प्रोफाइल लोगों का उपयोग किया गया है. महानगरों में अब भी भिलाई दुर्ग के युवक पैनल संचालित कर रहे हैं. 20 दिनों से पूरे प्रदेश में हो रही सटोरियों की जांच में अब पूरे प्रदेश में ऑनलाइन सट्टे से जुड़े कारोबारियों की धरपकड़ शुरू हो गई है. पुलिस को कई बड़े लोगों को नाम का भी पता चला है. उनके विरुद्ध साक्ष्य भी जुटाए जा रहे हैं. बिलासपुर और रायपुर पुलिस ने भी ऑनलाइन सट्टा कारोबारियों का भंडाफोड़ किया है. हर तरफ बढ़ते दबाव से सट्टा संचालकों का तिलमिलाना वाजिब जरूर है लेकिन पुलिस जिस तरह से निरंतर कार्रवाई कर रहीं है और इस पर अंकुश लगाते हुए आगे भी बढ़ रही है.