
भरोसे का सम्मलेन, जगदलपुर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि बस्तर के बाहर के लोग यहां आने से डरते थे. नक्सलियों की दहशत से कोई छत्तीसगढ़ नहीं आता था. हमारे घर वालों की नींद हराम रहती थी, जब तक हम घर नहीं लौटते थे, वो चिंतित रहते थे. नक्सली और पुलिस दोनों की गोलियां चलती थी, लेकिन सीना हमारे निर्दोष आदिवासियों का छलनी होता था. यहां पर आदिवासियों की जमीनें छीन ली गयी थी. देश में पहला उदाहरण था, जब हमने लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीनें वापस कराने का काम किया विकास के रास्ते पर हम चल रहे हैं, बस्तर आगे बढ़ रहा है. योजनाओं का लाभ लोग ले रहे हैं. शिक्षा के माध्यम से फिर से बस्तर को आगे बढ़ाने का काम चल रहा है. इंदिरा गांधी आई थी, उन्होंने आदिवासियो को पट्टा दिया था. राहुल गांधी ने आदिवासियो का पट्टा वापस दिलाया है. हम शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. यहां के नौजवानों को रोजगार मिल रहा है. पहले कभी कोई दंतेवाड़ा के जंगल में नहीं जा सकता था. दंतेवाड़ा में आज डेनेक्स में कपड़े बनाए जा रहे हैं, ये कपड़े देश दुनिया में जा रहे हैं.
हमारी बहनें काम कर रही हैं, आगे बढ़ रही हैं. लाखों परिवारों को वनाधिकार पट्टा देने का काम किया यह सम्मेलन बस्तर और छत्तीसगढ़ के लोगों के भरोसे का सम्मेलन है. अब तो हम अगले खरीफ सीजन में 15 की जगह 20 क्विंटल धान खरीदने जा रहे हैं ये सम्मेलन भरोसे का है, आदिवासियों, किसानों, मजदूरों, माताओं, बच्चों, बस्तर और छत्तीसगढ़ के भरोसे का सम्मेलन है. माँ दंतेश्वरी माई, बस्तर का दशहरा, और यहां के आदिवासियों की संस्कृति बस्तर की पहचान है. इसी दिशा में काम करते हुए हम देवगुड़ियों और घोटुलों का निर्माण कर रहे हैं. किसानों और लघु वनोपज विक्रेताओं, तेंदूपत्ता संग्रहको में सम्पन्नता आई है. लाखों परिवार उन्नति के रास्ते चल पड़ा है. लोक पर्वों पर हमने छुट्टी प्रदान की है. हमारी कोशिश यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को काम दे सकें और लोगों की विकास में भागीदारी हो. हम जूते, चप्पल और मोबाइल नहीं दे रहे बल्कि आपकी जेब में पैसा डाल रहे हैं ताकि आप जो चाहें वो खरीद सकें. हमने डेढ़ लाख करोड़ रूपए लोगों की जेब में डाले हैं. बैगा पुजारी गुनिया और भूमीहीनों को हम 7000 दे रहे हैं. हम लोगों को अधिकार सम्पन्न बना रहे हैं. हमारी सरकार सबको साथ लेकर चलने वाली सरकार है हमने किसानों का कर्जा माफ किया, इनपुट सब्सिडी और समर्थन मूल्य के साथ धान का 2500 रूपए दिलाने का वादा पूरा किया है. राजीव किसान न्याय योजना से किसानों को 9000 प्रति एकड़ देने का कार्य किया है.