
हेमंत कश्यप-
विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा मनाने इस वर्ष दशहरा उत्सव समिति को बड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है. विगत 10 वर्षों से दशहरा मनाने धर्मस्व विभाग से पर्याप्त राशि नहीं मिलने से दशहरा समिति पर एक करोड़ रूपये की देनदारी हो गई है. पिछला बकाया नहीं मिलने की वजह से बस्तर दशहरा के लिए पूजन सामग्री, कपड़ा, पटाखा से लेकर बकरा सप्लाई करने वाले व्यापारियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं.
बस्तर दशहरा की विश्व स्तरीय पहचान है. इस ऐतिहासिक उत्सव को देखने के लिए देश- विदेश से लोग जगदलपुर पहुंचते हैं. टेंपल एस्टेट कमेटी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रति वर्ष दशहरा मनाने लगभग 80 लाख रूपये खर्च होते हैं. वहीं विशाल दशहरा रथ बनाने के लिए वन विभाग प्रतिवर्ष लगभग दो सौ सत्तर पेड़ कटवा कर करीब 35 घनमीटर इमारती लकड़ी मुफ्त प्रदान करती है. बस्तर दशहरा पर प्रतिवर्ष बढ़ रहे खर्च के बावजूद संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग विगत दस वर्षो से बस्तर दशहरा के लिए प्रति वर्ष 25 लाख रूपये ही जारी कर रही है. वहीं एनएमडीसी के सीएसआर मद से भी आठ -दस लाख रूपये की मदद मिल रही है.
वर्ष 2011 से वर्ष 2021 तक के ग्यारह दशहरा उत्सवों को निपटाने के लिए विभिन्न व्यापारियों से टेंडर मंगवा कर उधारी में सामान प्राप्त किया गया था. राशि के अभाव में पूरा भुगतान नहीं हो पाया और समिति पर एक करोड़ रूपये का कर्ज हो गया है. इधर दशहरा निर्विघ्न संपन्न हो, इसलिए दशहरा समिति ने टेंपल कमेटी के विभिन्न मंदिरों की मरम्मत हेतु धर्मस्य विभाग से प्राप्त एक करोड़ 60 लाख रूपये को भी दशहरा में खर्च कर दिया है. बात यहीं पर खत्म नहीं होती. टेंपल एस्टेट कमेटी ने ज्योति कलश समिति खाते का 30 लाख रूपये भी दशहरा मनाने व्यय कर दिया है. इन सब के बाद भी विगत 10 वर्षों में विभिन्न व्यापारियों को बकाया राशि का भुगतान करना था, वह पूरा नहीं हो पाया है. इस सब के चलते दशहरा के लिए पूजन सामग्री से लेकर कपड़ा, पटाखा, बकरा सहित विभिन्न सामग्रियों की आपूर्ति करने वाले थोक व्यापारियों ने दशहरा उत्सव 2022 के लिए आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति करने से इंकार कर दिया है. नाम प्रकाशित नहीं करने के निवेदन के साथ व्यापारियों ने बताया कि जब तक दशहरा समिति पिछला बकाया अदा नहीं करती, तब तक वे सभी दशहरा उत्सव के लिए सामानों की आपूर्ति नहीं करेंगे. वैसे भी उन्हें कोरोना के चलते उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है. ऊपर से सरकारी बकाया का लंबे समय तक भुगतान नहीं होने से उनके कारोबार पर विपरीत असर पड़ा है.
विभाग को लिखे हैं पत्र
टेंपल एस्टेट कमेटी के सचिव पुष्पराज पात्र बताते हैं कि बस्तर दशहरा उत्सव खर्च की बकाया राशि का भुगतान हो सके, इसके लिए संस्कृति एवं धार्मिक न्यास विभाग को पत्र लिखा जा चुका है. राशि प्राप्त होते ही भुगतान कर दिया जाएगा. दशहरा हेतु पूजन तथा अन्य सामग्रियों की आपूर्ति करने वाले व्यापारियों को समझाने का प्रयास किया जाएगा.