
सुबह, दोपहर और संध्याकाल शिवभक्तों को मंदिर में मिलता है अलग–अलग खुशबुओं का एहसास
रायपुर- मुख्यमंत्री ने आज सिरपुर स्थित गंधेश्वर नाथ मंदिर में विधिवत पूजन कर प्रदेश वासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की. मुख्यमंत्री का शंखध्वनि एवं मंत्रोच्चार के साथ मंदिर द्वार पर स्वागत किया गया. उन्होंने गंधेश्वर नाथ मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों के साथ चर्चा की और मंदिर के संबंध में जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने गंधेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में कदंब के पौधे का भी रोपण किया. मुख्यमंत्री ने मंदिर प्रांगण से महानदी के सुंदर तट का अवलोकन भी किया. उन्होंने मंदिर परिसर में स्थापित प्राचीन मूर्तियों को भी देखा. मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया.
शिव आशीर्वाद की खुशबू से परिपूर्ण गंधेश्वर नाथ मंदिर
सिरपुर स्थित गंगेश्वर नाथ मंदिर का अपने आप में ऐतिहासिक पुरातात्विक और आध्यात्मिक महत्व है. मान्यता है कि इस मंदिर में शिवभक्तों को भगवान शिव के शिवलिंग से सुबह, दोपहर और संध्याकाल में अलग-अलग खुशबुओं का एहसास मिलता है. ऐसा माना जाता है कि सुबह की पूजा के वक्त शिवलिंग से चंदन की खुशबू आती है. वहीं दोपहर में केसर की सुगंध मिलती है और संध्या पूजन के समय गुलाब की खुशबू का एहसास होता है. इसी वजह से भगवान शिव के इस मंदिर का नाम गंधेश्वर नाथ मंदिर पड़ा है. श्रावण मास में मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है दूर-दूर से लोग शिवलिंग पर जलाभिषेक करने पहुंचते हैं.
गंधेश्वर नाथ मंदिर का है ऐतिहासिक, पुरातात्विक और पौराणिक महत्व
सिरपुर को प्राचीन दक्षिण कौशल की राजधानी कहा जाता है. मंदिर की प्राचीनता का प्रत्यक्ष उदाहरण यहां की स्थापत्य कला में स्पष्ट नजर आता है. मंदिर के गर्भगृह के सामने स्थापित चार स्तंभों पर पाली भाषा व ब्राह्मी लिपि में अभिलेख अंकित है. जानकारों का कहना है की इन अभिलेखों में भगवान शिव की स्तुति व शिव पार्वती विवाह के प्रसंग उत्कीर्ण किए गए हैं. वर्तमान में मंदिर प्रांगण में सिरपुर क्षेत्र में उत्खनन द्वारा प्राप्त पुरातात्विक महत्व की प्राचीन मूर्तियों को स्थापित किया गया है. इन मूर्तियों में भगवान नटराज की नृत्य में मूर्ति विशेष है. पौराणिक मान्यता है कि बाणासुर नमक महान शिव भक्त यहां निवास करता था, जिसने यहां भगवान शिव की घोर तपस्या की. इसके फलस्वरूप भगवान शिव ने उसे यहां दर्शन दिए.
हिंदू,बौद्ध व जैन संस्कृतियों का संगम है सिरपुर
महानदी के तट पर स्थित प्राचीन गंधेश्वर नाथ मंदिर न सिर्फ भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष है बल्कि यहां पर हिंदू, बौद्ध और जैन संस्कृतियों का अद्भुत संगम दिखाई देता है. मंदिर प्रांगण में सिरपुर क्षेत्र में प्राप्त पुरातत्विक मूर्तियां रखी गई है. जिनमें त्रिदेव ब्रह्मा–विष्णु–महेश, नवग्रह, भगवान बुद्ध की भूमि स्पर्श मुद्रा में मूर्ति और साथ ही साथ जैन धर्म से मुड़ी से जुड़ी मूर्ति भी दिखाई देती है.
अद्भुत है मंदिर से महानदी तट का नजारा
गंधेश्वरनाथ मंदिर महानदी के तट पर स्थित है. मंदिर से महानदी का बहुत ही सुंदर और नयनाभिराम दृश्य दिखाई देता है. महानदी के तट का यह नजारा मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से भी और महत्वपूर्ण बना देता है. मुख्यमंत्री ने आज मंदिर प्रांगण से महानदी तट के सुंदर दृश्य का अवलोकन किया.