सवालों के घेरे में सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिछले कांग्रेस शासनकाल के दौरान बेहतर विधायकी का प्रदर्शन करने वाले भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव की पिछले दिनों हुई एकाएक गिरफ्तारी और ताबड़तोड़ आरोपों को लेकर देश-प्रदेश में भारी प्रतिक्रिया देखने सुनने को मिल रही है. देवेंद्र यादव अभी रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है. लेकिन उनकी गिरफ्तारी के पीछे अनेकों सवाल जेल के चहारदीवारी से बाहर आ रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी क्यों हुई? उनका गुनाह क्या था? उन्होंने ऐसा क्या कर दिया था की पुलिस जबरदस्ती उन्हें उनके घर से उठाकर ले गई? विशेषज्ञों का कहना है कि इन सवालों का जवाब न सरकार के पास है और न ही प्रशासन के पास. वरना वह अब तक खामोश क्यों रहती? छत्तीसगढ़ पुलिस इसी प्रकार के और भी अनेक मनगढ़ंत आरोप कांग्रेस के कई नेताओं पर मढ़े हैं, जिसका आज तक कोई खुलासा नहीं हुआ. यहां तक कि महादेव सट्टा और शराब बंदी के नाम पर हाय तौबा मचाने वाली भाजपा अब मौन है. क्या अब महादेव सट्टा नहीं चल रहा है? जबकि यह सवाल जनता की ओर से ही उछले कि महादेव सट्टा में अनेक पुलिस अधिकारियों के नाम भी आए फिर उनकी गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हुई? क्या प्रदेश में शराब बंदी हो गई? जबकि राज्य में शराब की नदियां बह रही हैं. गांव-गांव में अवैध शराब बेचने का सिलसिला निर्बाध गति से जारी है. छत्तीसगढ़ में सरकार उल्टे-सीधे निर्णय ले रही है जिससे आम जनता बहुत नाराज है. इसका उदाहरण जनता के विरोध प्रर्दशनों से समझा जा सकता है.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश ने उठाया था मुद्दा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनेक अवसरों पर इस सरकार की नाकामियों का पर्दाफाश किया है. छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक उठाया है. इसके बावजूद इस पर कान देने वाला कोई नहीं. दिल्ली दरबार भी खामोशी की चादर ओढ़े हुए है जबकि शिकायतें गई है कि छत्तीसगढ़ में पूंजी का बड़ा खेल चल रहा है. आखिर भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव पर लगे आरोपों की जांच में पुलिस ने अब तक क्या किया? देखा जाए तो लोगों का यह कहना गलत नहीं है कि भिलाई भाजपा के लिए चुनौती की सीट बनी रही है. भिलाई स्टील प्लांट से लेकर बड़े-बड़े उद्योग धंधो का यहां विस्तार है. बड़े पैमाने पर राजस्व निकलता है और नेताओं के लिए कमाई का साधन भी बनता है. इसीलिए भाजपा इस सीट को प्रतिष्ठा की सीट मानती रही. यही वजह है कि भिलाई के सिटिंग एमएलए देवेंद्र यादव को विचलित करने की साजिस रची जा रही है. बताते है कि इसमें बड़े-बड़े लोग शामिल हैं. यहां तक रूपये-पैसे वाले लोग भी झोला-बैग लेकर खड़े हैं. ऐसा भाजपा के अंदरखाने से ही आवाज आती है.
भिलाई सीट भाजपा की दुखती रग
लोग कहते हैं कि भिलाई विधानसभा भाजपा की दुखती हुई रग है. यहां से भाजपा 2018 और 2023 का लगातार दो चुनाव हार गई है. लाख प्रयासों के बावजूद वह इस सीट पर अपना कब्जा नहीं कर पायी. यही भाजपा को परेशान किए हुए है. दरअसल भिलाई विधानसभा क्षेत्र पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे की सीट थी. जिसे बरकरार रखने में वह असफल साबित हुई है. लाख जोर आजमाईश के बावजूद भाजपा यह सीट मामूली अंतर से हार गई. हार का यही दु:ख उसे बार-बार खल रहा है. उसे यह पच नहीं रहा है कि आखिर वह लगातार पराजित हो रही है तो क्यों?
आंखों की किरकिरी बने विधायक देवेंद्र
प्रदर्शन के रूप में देखें तो 2018-2023 पिछले दोनों चुनावों में देवेंद्र यादव कांग्रेस से विजेता और हीरो बनकर निकले. और अपना बेहतर परफ्रार्मेंस दिए इसीलिए बहुत जल्द भिलाई नगर विधानसभा की जनता को यह नया नेतृत्व भाने लगा. नतीजतन देवेंद्र यादव भाजपा की आंखों की किरकिरी बनी हुई है. वह एन केन प्रकारेण इस सीट को पुन: पाना चाहती है. इसका एक ही तरीका है कि निर्वाचित विधायक के किरदार को बदनाम करो. एक कहावत है कि कामयाबी इतनी हासिल करो कि तुम्हें हराने के लिए कोशिश नहीं साजिश करना पड़े. देवेंद्र यादव की हालिया गिरफ्तारी को राजनैतिक चिंतक इसी चश्में से देख रहे हैं. भिलाई की जनता भी इसे बखुबी देख-समझ रही है. वह जानती है कि समूचा गिरफ्तारी प्रकरण पॉलिटिकल स्टंट है. भाजपा की भिलाई विधानसभा क्षेत्र में दाल नहीं गल रही है. भाजपा का यहां संगठन और नेतृत्व बेहद कमजोर है.
संगठन के नेताओं पर भारी पड़ा फीलगुड
पूरे प्रदेश में भाजपा की लहर थी तब यहां संगठन के नेताओं का फीलगुड भारी पड़ गया और उसे लेने के देने पड़ गये. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जब नेतृत्व में काम कर रहे भिलाई विधायक देवेंद्र यादव के हाथों भिलाई विधानसभा क्षेत्र में भाजपा इस तरह परास्त होगी इसका उसे तनिक भी विश्वास नहीं था. लिहाजा अब उसकी एकमात्र कोशिश यह है कि खोई हुई कीमती सीट दुबारा वह कैसे हासिल करे? इसके लिए बीजेपी फिलहाल भारी माथापच्ची में जुटी हुई है. राजधानी रायपुर से लेकर भिलाई तक में इसके लिए गणित सेट किए जा रहे है. कई बौद्धिक लोगों को इसके पीछे लगाया गया तो कानूनी दांव पेंच भी खेले जा रहे हैं. भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी इसी का एक नतीजा है जो सामने आया है. बताया जा रहा है कि अभी और भी बहुत से एपीसोड बाकी है. देखना यह है कि भाजपा के साम-दाम-दंड-भेद की राजनीति अभी और कौन सा रंग लाती है. फिलहाल तो दो बार के निर्वाचित विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी प्रकरण से भाजपा राजनीतिक बैकफूट पर है. यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राजनीतिक दांव-पेंच विस्तार से खेले जाएंगे.
वैसे देखा जाए तो विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी किसी के गले नहीं उतर रही है. इसी लिए गिरफ्तारी वाले दिन जब बलौदाबाजार पुलिस विधायक के सेक्टर-5 निवास गिरफ्तारी के लिए पहुंची थी उस वक्त वहां हजारों की संख्या में कार्यकर्ता विरोध करने पहुंच गये थे. गगनभेदी नारों के बीच और प्रशासन के हाय-हाय के बीच कार्यकर्ता पुलिस के सामने डट गये थे. पुलिस के लोग भी एक समय के लिए पीछे हटने लगे थे लेकिन कांग्रेस के प्रदेश मुखिया दीपक बैज के हस्तक्षेप के बाद मामला आगे बढ़ पाया था. विधायक देवेंद्र यादव जब बाहर निकले उस वक्त भी कार्यकर्ताओं का हुजूम इस बात का गवाह है कि देवेंद्र की गिरफ्तारी न्याय की कसौटी पर खरी नहीं थी. यहां तक कि रायपुर में भी कार्यकर्ताओं का भारी विरोध प्रदर्शन हुआ. और तो और रक्षा बंधन के अवसर पर महिलाएं रायपुर सेंट्रल जेल में अपने भाई देवेंद्र को राखी बांधने बड़ी संख्या में पहुंच गई थी जिससे पुलिस भी सख्ते में आ गई.
गले नहीं उतर रही विधायक की गिरफ्तारी
भाजपा शासन में पुलिस ने विधायक देवेंद्र यादव पर जो आरोप लगाए हैं वह किसी के गले नहीं उतर रही है, क्योंकि देवेंद्र एक विनम्र विधायक माने जाते हैं. उनकी छवि भिलाई की जनता का चरण छूकर आर्शीवाद पाने वाले राजनीतिज्ञ की है. उनका अक्रामक तेवर का आरोप किसी को पच नहीं रहा है. भाजपा के सक्रिय होने के बाद अब छत्तीसगढ़ में राजनीति का रंग बदलने लगा है. छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय प्रदेश है लेकिन अब यहां नफरत की राजनीति जोर पकड़ने लगी है और मोहब्बत की, भाईचारे की राजनीति बैकफूट पर है.
छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार है. मुख्यमंत्री के साथ दो-दो उपमुख्यमंत्री और अनेकों मंत्री के साथ प्रशासनिक अमला और बहुत बड़ी अधोसंरचना है इसके बावजूद राज्य में प्रशासनिक नियंत्रण कमजोर है. भाजपा के लोग अपनी कमजोरियों को छिपा रहे हैं.
होगा बड़ा खुलासा
राजनीति के खिलाड़ी बताते हैं कि जिस बलौदाबाजार कांड के बहाने विधायक देवेंद्र की गिरफ्तारी की गई है. निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में इस पर बड़ा खुलासा होकर रहेगा. वहां किन लोगों ने उत्पात मचाया और शरारत की, इसकी जांच निष्पक्षता से होगी इस पर भी सवाल है, क्योंकि भाजपा की सरकार मामले की लीपापोती में लगी हुई है. इन सबके बीच प्रशासन और पुलिस के लोग अपना काम कर रहे हैं.
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