जिले में पर्याप्त RI होने के बावजूद व्यपर्तन और सीमांकन के कई मामले लंबित
भिलाई- दुर्ग जिले के राजस्व विभाग के सरकारी अफसर और कर्मचारी ही सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है. लंबे समय से एक ही कुर्सी पर जमे ऐसे कई राजस्व निरीक्षक हैं. जबकि नियमानुसार किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को 3 साल की कार्य अवधि के बाद ट्रांसफर करने का प्रावधान है. एक जगह पर कर्मचारी तीन साल से ज्यादा अपनी सेवा नहीं दे सकते है. हालांकि ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के दूसरे जिले में ट्रांसफर के शासन द्वारा निर्देश हैं, लेकिन शासन के इन निर्देशों का राजस्व विभाग नियमों का पालन नहीं किया गया. जिन अधिकारियों का शासन के निर्देशानुसार ट्रांसफर किया जाना था, लेकिन अपना-अपना साठ-गांठ के चलते सालों से एक ही जगह पर जमे हुए है और इनका ट्रांसफर नहीं किया जा सका है.
अगर इन राजस्व निरीक्षक का ट्रांसफर होता भी है तो कलेक्टर भू-अभिलेख से नजूल शाखा से परिवर्तित शाखा में ही किया जाता है और कई राजस्व निरीक्षक ऐसे भी है जो मौके पर न जाकर घर से ही जमीन का सीमांकन \ डायवर्सन करते है. जिस मद की भूमि को परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए उस मद की भूमि को भी परिवर्तन किया गया है. दुर्ग जिले में कई ऐसे राजस्व निरीक्षक है जो 10 साल से एक ही जिले में पदस्थ है. जिले में पर्याप्त आरआई होने के बावजूद भी व्यपवर्तन के 765 और सीमांकन के 884 मामले लंबित है. दुर्ग जिले मे कुल 48 आरआई स्वीकृत है. पति-पत्नी पटवारी और आरआई एक ही जिले में टिके हुए है. पटवारी दुर्ग जिले में ही रहते पदोन्नति होने के बाद राजस्व निरीक्षक बनने के बाद दुर्ग जिले मे ही पदस्थापना होती है.
आपको जानकर हैरानी होगी की जिलें में पटवारी के पद पर पदस्थ हुए और प्रमोशन होते हुए आरआई बन गए राजस्व अधिकारी ऐसे जमे की अंगद का पाव भी हिल जाए परंतु उनका ट्रांसफर होना नामुमकिन है. कई ऐसे पटवारी पति – पत्नी पटवारी और आरआई एक ही जिले में टिके हुए है.
अमर अग्रवाल जब राजस्व मंत्री थे तब राजस्व निरीक्षकों का तबादला एक जिले से दूसरे जिले करने का आदेश जारी किया गया था. उनके आदेश के बाद ही राजस्व निरीक्षकों का एक जिले से दूसरे जिला ट्रांसफर किया गया.
अंगद की तरह एक ही जिले में टिके राजस्व निरीक्षक
हिरेंद्र कुमार क्षत्रीय पदस्थापना जुलाई 2018 को परिवर्तित भूमि शाखा में पदस्थ की गई फिर एक दिन के लिए नजूल शाखा में पदस्थ किया गया फिर इनको परिवर्तित भूमि शाखा में पदस्थ किया गया.
पवन चंद्राकर अगस्त 2019 परिवर्तित भूमि शाखा में है जो कि 5 वर्षों से अधिक हो चूके है.
मीनू राठौर 08.01.2018 से कलेक्टर भू-अभिलेख शाखा दुर्ग में पदस्थ है फिर इनका ट्रांसफर नजूल शाखा में फरवरी 2018 से अभी तक पदस्थ है वर्तमान में परिवर्तित भूमि शाखा में पदस्थ है.जो कि दुर्ग जिले में ही 6 वर्ष से पदस्थ है.
दानेश्वर साहू 26.05.2016 को कलेक्टर भू-अभिलेख शाखा दुर्ग में पदस्थ था, 2019 से परिवर्तित शाखा दुर्ग जिला में पदस्थ है.
विनय कुमार देवांगन 2016 से कलेक्टर भू-अभिलेख शाखा में पदस्थ था फिर नजूल शाखा में फरवरी 2018 से अभी तक पदस्थ है. पिछले 8 सालों से दुर्ग जिले में ही जमे हुए है.
व्यास नारायण पावरिया 04.08.2012 से कलेक्टर भू-अभिलेख शाखा दुर्ग पदस्थ था फिर जामगांव (आर) जुलाई 2020 से अभी तक पदस्थ है जो कि 12 सालों से एक ही जिले पर पदस्थ है.
बी.रूद्रपति 2016 में कलेक्टर भू-अभिलेख शाखा दुर्ग पदस्थ होने के बाद ट्रांसफर पाटन में 2022 को किया गया जो कि अभी तक पिछले 8 सालों से एक ही जिले में पदस्थ है.
नरसिंह साहू 01.01.2018 से दुर्ग जिले में ही अभी तक पदस्थ हैं.
अभिषेकधर दुबे 28/12/2018 से दुर्ग जिले में ही पदस्थ है.
आदित्य झा 1/7/2020 से दुर्ग जिले में ही पदस्थ है.
प्रतिभा दिल्लीवार1/7/2020 से दुर्ग जिले में ही पदस्थ है.
मकसूदन टेम्भुरकर 5/11/2019 से दुर्ग जिले में ही पदस्थ हैं और यह पिछले 5 साल से अधिक से जिले में ही पदस्थ है.
शीतल कुमार दास, विजय शर्मा, पी. नागरत्नम, सुनीति निषाद ऐसे दो दर्जन से ज्यादा राजस्व निरीक्षकों का एक ही जिला में रहना एवं गृह जिला दुर्ग होना. इनमें से अधिकांशत: राजस्व निरीक्षक दुर्ग जिले में पटवारी के पद पर कार्यरत है जो घोटालों और भ्रष्टाचार को जन्म दिया जा रहा है. इस ओर मुख्यमंत्री साय की सुशासन की सरकार और विभागीय मंत्री क्या संज्ञान में लेती है.